जम्मू कश्मीर के स्कूलों में उत्साह का माहौल है। विभिन्न स्कूलों में इस पर बच्चों के लिए कार्यक्रम आयोजित कराए गए, जिनमें चंद्रयान से जुड़ी रोचक जानकारियों के साथ ही अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में भी बताया गया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मिशन चंद्रयान-3 की बुधवार की शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग हो गई। इसके साथ ही चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर अपने यान को उतारने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है। एक कहावत है कि चंदा मामा दूर के, लेकिन भारत के चंद्रयान की सफलता के बाद ये कहा जा सकता है कि चंदा अब अपने घर के हैं। इसे लेकर जम्मू कश्मीर उत्साह का माहौल है। इसके लिए कई लाइव प्रसारण की व्यवस्था की गई।
विभिन्न स्कूलों में इस पर बच्चों के लिए कार्यक्रम आयोजित कराए गए, जिनमें चंद्रयान से जुड़ी रोचक जानकारियों के साथ ही अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में भी बताया गया। वहीं, बच्चों ने भी चंद्रयान और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े मॉडल और प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए।
श्रीनगर में हजरतबल दरगाह पर चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग के लिए विशेष प्रार्थना की गई। बडगाम में आर्मी गुडविल स्कूल हांजिक की खगोल विज्ञान प्रयोगशाला में छात्रों ने चंद्रयान-3 मिशन के बारे में जाना।
जम्मू शहर के गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल गांधी नगर में चंद्रयान-3 की लैंडिंग का सीधा प्रसारण होगा। इसे बच्चों संग अभिभावक भी देख सकेंगे। शासन के निर्देश पर बुधवार शाम सभी शिक्षण संस्थानों में छात्रों को बुलाया गया है। चंद्रयान-3 के चांद की सतह पर उतरने के ऐतिहासिक क्षण को हर कोई देख सके, इसके लिए शिक्षण संस्थानों में अलग से बड़ी टीवी स्क्रीन लगाई जाएगी। इसरो, चांद व चंद्रयान से जुड़ी जानकारियां सभी तक पहुंचे, इसके लिए छात्रों ने चार्ट भी तैयार किए गए हैं।
वहीं, जम्मू शहर के बाहु किले पक्का तालाब स्थित प्राचीन रामेश्वरम मंदिर बाहु किला में चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग के लिए विशेष पूजा कराई गई। बाहु किला विकास समिति की ओर से इसका आयोजन गया। इसमें शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।