Home उत्तर प्रदेश श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थान नही हमारे आराध्य का जन्मस्थान है

श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थान नही हमारे आराध्य का जन्मस्थान है

19

उच्चतम न्यायालय का फैसला आने से पूर्व भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों ने कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के माध्यम से भारत के अलग अलग कोनो में पहुंचकर प्राचीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि को हड़पने और उसपर कब्जा करने की पूरी कहानी को तथ्यों के आधार पर लोगो के समक्ष रखना शुरू कर दिया है। जिससे श्रीकृष्ण जन्मभूमि को कब्जामुक्त कराने की अलख पूरे देश मे जग उठी है।
बता दें कि जिला बिजनौर के चाँदपुर नगर में रहने वाले श्री कृष्ण सेना के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष व श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के सदस्य अनिल कुमार पांडे ने श्रीकृष्ण जन्म भूमि मथुरा के समीप स्थित ईदगाह को लेकर की प्रेस वार्ता की । उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण जन्मभूमि निर्माण ट्रस्ट के द्वारा जो वाद निर्णायक दौर में है वह मीडिया के माध्यम से उस विषय को संपूर्ण देश में ले जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक का न्यायालय में चलता विवाद सभी के समक्ष है और आगमी 29 तारीख को इस पर कोर्ट का निर्णय आने वाला है। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से बाबा विश्वनाथ के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के द्वारा वैज्ञानिक सर्वे का आदेश दिया , उस आदेश के आधार पर हम लोग माननीय सुप्रीम कोर्ट तक गए हैं कि श्री कृष्ण जन्मभूमि का भी वैज्ञानिक सर्वे होना चाहिए क्योंकि वहां पर भी उसी प्रकार के प्रतीक चिन्ह उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि सन 1670 में भगवान श्री कृष्ण लला के जन्मभूमि पर औरंगजेब के सामने औरंगजेब की अपनी सेना के द्वारा ध्वस्त किया गया था। जिसके बाद इस पर अवैध कब्जा कर लिया गया। उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण जन्म स्थान पर ईदगाह जैसे ढांचे का किसी भी राजस्व रिकॉर्ड में कोई नाम नही है। वहां केवल राजस्व रिकॉर्ड में अगर रिकॉर्ड है तो श्री कृष्ण जन्मस्थान केशव कटर लिखा हुआ है और उसी आधार पर हम लोग वहां गए हैं। श्री अनिल पांडे ने बताया कि हमें केवल इतना कहना है कि वह स्थान मंदिर नहीं है मंदिर कहीं भी बनाया जा सकता है। वह स्थान हमारे आराध्य भगवान श्री कृष्ण लला का जन्म स्थान है और जन्म स्थान पर तो जन्म मंदिर ही बनेगा। वहाँ किसी और प्रकार का धर्मस्थल हम स्वीकार नहीं करेंगे।