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आज विधि-विधान से सुबह सात बजे केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुल गए

श्रद्धालुओं के लिए आज केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए हैं। कपाटोद्घाटन के पावन क्षण के हजारों श्रद्धालु साक्षी बने। इस दौरान श्रद्धालुओं के उत्साह और आस्था की जो तस्वीरें सामने आईं वह यकीनन उल्लास और उमंग से भर देने वाली थीं। बाबा के सहारे श्रद्धालुओं ने चढ़ाई चढ़ी और कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं की सारी थकान मिट गई। फिर बाबा केदार की जयकारों से धाम गूंज उठा।
डीजीसीए की टीम ने जिस तरह से हेलीपैड का हवा हवाई निरीक्षण किया वह भी सवालों के घेरे में है। केदारघाटी के गुप्तकाशी, मैखंडा, फाटा सहित आठ स्थानों से हेलिकॉप्टर सेवाओं का संचालन होना है, लेकिन हाईवे से लगे हेलीपैड पर यात्री व्यवस्थाओं का कोई इंतजाम नहीं है।
नोडल अधिकारी राहुल चौबे से संपर्क करने के बाद उनसे बातचीत नहीं हो पाई। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर छोटी लिनचौली से बड़ी लिनचौली के बीच तीन हिमखंड पसरे हैं।
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केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी। आज विधि-विधान से सुबह सात बजे केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुल गए हैं। इस दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। हजारों श्रद्धालुओं के जयकारों के साथ बाबा केदार की पंचमुखी डोली केदारनाथ पहुंची है। वहीं यमुनोत्री के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। केदारनाथ धाम में कपाटोद्घाटन के अवसर पर सीएम धामी अपनी पत्नी संग मौजूद रहे और बाबा केदार का आशीर्वाद लिया। केदारनाथ धाम के कपाट आज सुबह मुहूर्त में श्रद्धालुओं के लिए खोले गए, लेकिन इससे पहले ही शासन-प्रशासन के बेहतर सुरक्षा इंतजामों के दावों की पोल खुल गई। स्थिति यह थी कि सारे अधिकारी तो हेलीकॉप्टर से धाम पहुंच गए थे और पैदल यात्री की सुध लेने वाला कोई नहीं था। यहां पर रास्ते की बर्फ साफ कर दी गई है, लेकिन हिमखंड से रिस रहे पानी से कीचड़ हो रहा है। इससे यात्रियों के फिसलने का खतरा बना हुआ है।नोडल अधिकारी राहुल चौबे से संपर्क करने के बाद उनसे बातचीत नहीं हो पाई। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर छोटी लिनचौली से बड़ी लिनचौली के बीच तीन हिमखंड पसरे हैं।
डीजीसीए की टीम ने जिस तरह से हेलीपैड का हवा हवाई निरीक्षण किया वह भी सवालों के घेरे में है। केदारघाटी के गुप्तकाशी, मैखंडा, फाटा सहित आठ स्थानों से हेलिकॉप्टर सेवाओं का संचालन होना है, लेकिन हाईवे से लगे हेलीपैड पर यात्री व्यवस्थाओं का कोई इंतजाम नहीं है।तीर्थयात्रियों को भाषा संबंधी समस्या भी नहीं आएगी। क्योंकि क्यूआर कोड में भारत की 11 भाषाओं में स्वास्थ्य संबंधी जानकारी उपलब्ध कराई गई है।
इन पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करते ही स्वास्थ्य संबंधी जानकारी हासिल कर सकते हैं।
यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जगह-जगह साइन बोर्ड स्थापित किए हैं।

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