G20 Summit: नई दिल्ली में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन में दुनिया भर के नेता पहुंचे मगर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इससे दूरी बनाए रखी। सम्मेलन से रूस बेशक दूर रहा लेकिन लगभग सभी देशों के बीच इस पर चर्चा जरूर हुई। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर हुई बातचीत में पुतिन ने बता दिया था कि, वह भारत नहीं आ पाएंगे और उन्होंने इसके लिए दुःख भी जताया था। पुतिन ने प्रधानमंत्री को बताया कि, “इस बैठक में रूस का प्रतिनिधित्व रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे।”
देश की राजधानी दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को ‘G20 शिखर सम्मेलन’ का आयोजन हुआ । इस सम्मलेन के लिए ट्रैफिक से लेकर सुरक्षा तक दिल्ली में चाक चौबंद व्यवस्था की गई। जी-20 शिखर सम्मेलन में विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष और अन्य गणमान्य लोगों का आगमन हुआ। वहीं, भारत और रूस के बीच घनिष्ठ संबंध होते हुए भी नई दिल्ली में आयोजित इस महत्वपूर्ण आयोजन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भाग नहीं लिया, जिसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
दरअसल, देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्र्म में राष्ट्रपति भवन द्वारा कई देशों के गणमान्य व्यक्तियों को सम्मलित होने का न्योता दिया गया था। जिसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का नाम भी शामिल था। लेकिन पुतिन को न्योता मिलने के बाद उन्होंने इस आयोजन का हिस्सा बनने से मना कर दिया। वहीं रूस और भारत के घनिष्ठ संबंध होने के बावजूद भी रूस के राष्ट्रपति इस आयोजन का हिस्सा नहीं बने जिसको लेकर तरह-तरह की बातें शुरू हो गई हैं। आपको बता दें, इंडोनेशिया के जाकार्ता में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में दुनिया भर के नेता पहुंचे मगर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इससे भी दूरी बनाके रखी थी।
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट का पुतिन को अरेस्ट वारंट जारी
मिडिया रिपोट्स के अनुसार, 17 मार्च 2023 को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने यूक्रेनी बच्चों को गैर-कानूनी और अवैध तरीके से रूस ले जाने में पुतिन को दोषी ठहराते हुए वारंट जारी किया था। ‘इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट’ (International Criminal Court) ने बताया था कि, 16 हजार से ज्यादा यूक्रेनी बच्चे रूस भेजे गए हैं। बता दें, पुतिन के खिलाफ इस केस की जांच पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक और इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के प्रॉसिक्यूटर करीम अहमद खान ने की। पुतिन के खिलाफ वारंट जारी होने के बाद से अभी तक पुतिन ने विदेशी यात्रा नहीं की।
2015 में भी ऐसा ही एक मौका आया था जब सूडान के तत्कालीन राष्ट्रपति उमर हसन अहमद अल-बशीर इंडिया-अफ्रीका समिट में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आए थे। उस समय ‘इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट’ (International Criminal Court) ने भारत से उमर हसन को अरेस्ट करने में मदद करने के लिए कहा था, लेकिन भारत ने कोई उत्तर नहीं दिया था।
क्या है इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (International Criminal Court) या अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC), रोम कानून द्वारा स्थापित एक स्थायी न्यायिक निकाय है जो दुनियाभर में होने वाले नरसंहार, युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोपी व्यक्तियों की जांच, मुकदमा चलाने और जेल की सजा सुनाने का काम करता है। 01 जुलाई 2002 को इसकी शुरुआत हुई थी। जिसमें 60 देशों द्वारा समझौते की पुष्टि के बाद, अदालत ने बैठकें शुरू कीं .इसका मुख्यालय नीदरलैंड के ‘द हेग’ में है। वहीं रूस, अमेरिका, चीन, भारत सहित कई देश इसके सदस्य नहीं हैं। यह कोर्ट आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सदस्य देशों को वारंट भेजती है, जो एक सलाह की तरह होता है।