देवभूमि से उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बाॅबी पंवार ने एक वोट- एक रोजगार आन्दोलन के संयोजक प्रवीण काशी को देहरादून से बनारस के लिए हरी झण्डी दिखाई।
संघ का कहना है कि यदि रोजगार को मौलिक अधिकार नहीं बनाया गया तो प्रवीण काशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकसभा सीट बनारस से बेरोजगारों के प्रतिनिधि के रूप में नामांकन करेंगे।
बता दें कि देवभूमि से उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ से हरी झण्डी लेकर प्रवीण काशी पहले राजघाट (दिल्ली), फिर मथुरा, अयोध्या होते हुए बनारस पहुंचेंगे। उत्तराखंड बेरोजगार संघ के संयोजक प्रवीण काशी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2 करोड़ रोजगार का वायदा किया लेकिन वास्तविकता 5 किलोग्राम अनाज है। हम बेरोजगार अपना जीवन सम्मान के साथ जीना चाहते हैं। हम टैक्स पेयर बनना चाहते हैं। अमीरों के टैक्स पर मुफ्त अनाज, बिजली, पानी या बेरोजगारी भत्ता नहीं चाहते। यदि हमारे सांसदों और विधायकों को लाखों रूपये वेतन और भत्ते मिल सकते हैं तो हम वोटरों को सम्मानजनक रोजगार क्यों नहीं?
देश में बहुत से कानून बने हैं लेकिन सम्मान से जीवन जीने के लिए सबसे जरूरी रोजगार को मौलिक अधिकार कानून नहीं बनाया गया। कानून बनाने का काम संसद का है देश के बेरोजगारों और उनके परिवारजनों की मांग है कि रोजगार मौलिक अधिकार बने। अब हम देश की संसद से रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने की मांग करते हैं
साथ ही प्रवीण काशी का कहना है की अब से तीस वर्ष पहले शुरू की गई नव उदारवादी नीतियों के चलते हमारा देश अपने बच्चों की जिम्मेदारी छोड़कर पीछे हट गया और निर्दयी निजी क्षेत्र अपने कर्तव्यों का वहन नहीं कर पाया। इसके फलस्वरूप देश के प्राकृतिक संसाधनों की कीमत पर (हवा, पानी और मिट्टी को जहरीला बनाकर) महान सनातनी लोकतंत्र भारतवर्ष के 1%लोगों के लिए अपार दौलत का सृजन हुआ लेकिन बाकी 99% लोगों के सम्मानजनक जीवन जीने के लिए जरूरी रोजगार का सृजन शून्य और नेगेटिव हो गया। परिणामस्वरूप माँ- बाप के लाडले और लाडली करोड़ों की संख्या डिप्रेशन में हैं तथा नशा, अपराध और आत्महत्या के रास्ते पर चलने को विवश है।