उत्तराखंड| प्रदेश में बीजेपी सरकार अपने बयानवीरों पर नकेल कसने में लगातार विफल हो रही है. दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया पर बीजेपी विधायक मुन्ना सिंह चौहान के बयान से जो हलचल मची है वो शांत नहीं हुई कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत(Banshidhar Bhagat) एक और बयान दाग बैठे. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर आसीन बंशीधर भगत जैसे जिम्मेदार कार्यकर्ता जब इस प्रकार एक वरिष्ठ नेता प्रतिपक्ष व महिला को लेकर गैरजिम्मेदाराना बयानबाजी कर अनुशासनहीनता कर सकते हैं तब पार्टी के अन्य कार्यकर्ता अपने नेता से प्रेरणा लेकर आखिर समाज में किस प्रकार की राजनीति को गति देना चाहते हैं. उत्तराखंड की राजनीति में इसको एक गंदी शुरुआत माना जाएगा. नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश(Indira Hridayesh) पर भगत के बयान से सरकार को बैकफुट पर आता देख खुद सीएम त्रिवेंद्र रावत(CM Trvendra Singh Rawat) को सामने आना पड़ा. बुधवार को ट्वीट पर सीएम त्रिवेंद्र ने माफी मांगते हुए लिखा ‘ आदरणीय @IndiraHridayesh बहिन जी आज मैं अति दुखी हूं. महिला हमारे समाज के लिए अति सम्मानित व पूज्या हैं. मैं व्यक्तिगत रूप से आपसे व उन सभी से क्षमा चाहता हूं जो मेरी तरह दुखी हैं. मैं कल आपसे व्यक्तिगत बात करूंगा और पुनः क्षमा याचना करूंगा.’
आदरणीय @IndiraHridayesh बहिन जी आज मैं अति दुखी हूँ । महिला हमारे लिए अति सम्मानित व पूज्या हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से आपसे व उन सभी से क्षमा चाहता हँ जो मेरी तरह दुखी हैं। मैं कल आपसे व्यक्तिगत बात करूँगा व पुनः क्षमा याचना करूँगा। 🙏🏻🙏🏻
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) January 5, 2021
बंशीधर भगत ने नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश पर विवादित बयान देते हुए बुढ़िया बोल दिया और मजाक बनाया. इस पर प्रतिक्रया देते हुए हृदयेश ने कहा है कि जो पार्टी बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ और महिला सम्मान की बात करती है उनका चरित्र आज सबके सामने आ गया है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष ऐसी अमर्यादित टिप्पणी कर रहे हैं जो बिल्कुल भी जायज नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस टिप्पणी का प्रधानमंत्री और बाजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को इसके संज्ञान लेना चाहिए. चाल चरित्र और चेहरे की बात करने वाली भाजपा का असली सच यही है कि वह महिलाओं का कितना सम्मान करती है. साथ ही जरूरत पड़ने पर उन्होंने मानहानी का मुकदमा करने की चेतावनी भी दी.
पूरे घटनाक्रम पर हालांकि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत की ओर से कोई सफाई पेश नहीं की गई है. डैमेज कंट्रोल के लिए मुख्यमंत्री को को आगे आना पड़ा है. सीएम के ट्वीट पर अभी नेता प्रतिपक्ष की प्रतिक्रिया अभी नहीं आई है. बीजेपी समय-समय पर अपने ही बयानों के मकड़जाल में फंसती जा रही है. ऐसे में जब विधानसभा चुनाव बेहद नजदीक हैं बीजेपी को पार्टी के अंदर थोड़ा अनुशासन बढ़ाने की सख्त जरूरत है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भी किसी और की उम्र का तकाजा लगाने से पहले अपने साठ बरस के होने का भी ख्याल कर लेना चाहिए था. किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में राजनीतिक बयान देने से पहले नैतिक स्तर की सोच का ख्याल और इतना भी नहीं तो अपनी पार्टी हित का ध्यान तो कम से कम होना चाहिए, जिससे डैमेज कंट्रोल के लिए मुख्यमंत्री को मैदान में माफी मांगने के लिए उतरना पड़ जाए. संघ के आदर्शों पर चलने वाली अनुशासन के लिए अपनी विशिष्ट पहचान के लिए जानी जाने वाली बीजेपी के एक बड़े नेता का किसा महिला के लिए इस तरह का बयान उत्तराखंड की राजनीति के लिए बेहद शर्मनाक है.