10 दिनों तक चलने वाला भगवान गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) की शुरूआत आ से हो गई है (Ganesh Chaturthi). उत्सव के दौरान भगवान गणेश अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. कई लोग उनकी स्थापना अपने घर पर करते हैं. गणपति बप्पा को घर लाने का भी शुभ अवसर 19 सितंबर को है. सही मुहूर्त में बप्पा की स्थापना करने के साथ और भी कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी हैं, नहीं तो बप्पा की कृपा आपके उपर नहीं होगी.
हिन्दू धर्म में एक कहावत है, “शुभ मुहूर्त कीजै शुभ काजा, तो फल मिले मनचाहा.” इसका सरल अर्थ है, किसी भी काम को शुभ मुहूर्त देखकर करने से अधिक लाभ मिल सकता है. गणेश चतुर्थी के दिन अगर आप गणपति बप्पा को घर लाने और उनकी स्थापना करने की सोच रहें हैं तो शुभ समय ध्यान में रखना जरूरी है.
उदया तिथि के मुताबिक इस साल 19 सितंबर 2023 को गणेश चतुर्थी मनाया जाएगा. इस दिन सुबह 10:50 से लेकर दोपहर 2:56 तक वृश्चिक लग्न रहेगा. ये बप्पा की स्थापना का शुभ मुहूर्त है. अतिशुभ मुहूर्त दोपहर 12:52 से दोपहर 2:56 बजे तक है. 19 सितंबर को स्वाति और विशाखा नक्षत्र और वृश्चिक लग्न का भी योग है.
बप्पा की मूर्ति लेते समय ध्यान रखने वाली बातें
घर में स्थापित करने के लिए कभी बप्पा की ऐसी प्रतिमा न लें जिसमें वो खड़े मुद्रा में हो. हमेशा बप्पा की आलती-पालती मार कर बैठे हुए मुद्रा में प्रतिमा लें. इससे धन, संपत्ति आपके घर में विराजमान होंगी.
प्रयास करें कि बप्पा का पेट ज्यादा से ज्यादा बाहर निकला हुआ हो. उनका पेट जितना अधिक बाहर होगा, उतना अधिक आपको फल प्राप्त होगा.
गणपति बप्पा की प्रतिमा लेते हुए ध्यान रखें कि उनका एक हाथ आशिर्वाद देने की मुद्रा में हो. साथ ही उनके दुसरे हाथ में लड्डू और तीसरे हाथ में दंत हो.
स्थापित किए जाने वाले गणपति का बाईं ओर मुड़ा सूंड चंद्रमा के प्रभाव का प्रतिक होता है. इससे आपके घर में श्री, लक्ष्मी, आनंद, सुख-समृद्धि, यश व ऐश्वर्य की वृद्धि होगी.
दाईं ओर मुड़े सूंड वाले गणपति की स्थापना घर में करने से बचें. इनमें सूर्य का प्रभाव होता हैं. ऐसे गणपति की पूजा अधिकतर मंदिरों में की जाती है. क्योंकि उनकी पूजन में जरा सी भी गलती मुसीबत बन सकती है.
अगर आप वास्तु दोष निवारण के लिए वास्तु गणपति को अपने घर में विराजमान करते हैं तो उनकी सूंड दाईं ओर होनी चाहिए.