कोटद्वार। प्रकृति ने कई ऐसे पर्वत, पहाड़, घाटी व स्थानों के विहंगम दृश्य दिए हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकृषित करते हैं जरूरत है ऐसे स्थानों के विकास करने की जो रोजगार के स्रोत बन सकते हैं। विगत तीस सालों से पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रहे वृक्षमित्र के नाम से मशहूर पर्यावरणविद् डॉ० त्रिलोक चंद्र सोनी कहते हैं पर्यटन ऐसी यात्रा है जो मनोरंजन के साथ फुरसत के क्षणों का आनंद लेने के उद्देश्य से किया जाता है। हमारे पहाड़ो में प्रकृति ने कई ऐसे मनमोहन दृश्य दिए हैं जिन्हें देखने के लिए कई पर्यटक आते हैं पर्यटकों के आने से जहां अनछुए स्थानों का प्रचार प्रसार होता है वहीं स्थानीय उत्पादों को बाजार मिलता है हमारी संस्कृति, रीति रिवाज, भाषा, भेषभूषा को पहिचान मिलती है और हमारे घरों में पर्यटक रहना चाहता हैं। डॉ० सोनी कहते हैं हम अपने भेषभूषा को रोजगार से जोड़ सकते हैं। कई पर्यटक स्थानीय पहनावे व आभूषणों में अपनी तसवीरें लेने चाहते हैं, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सकता है। वृक्षमित्र कहते हैं आज जरूरत है तो इन खूबसूरत पर्यटन स्थलों का विकास करने की जहां पर्यटक आसानी से पहुंच सके ताकि पहाड़ों से रोजगार के तलाश में शहरों के लिए हो रहे पलायन को रोका जा सके।