हृदय रोग से बचाव के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। डॉक्टरों के अनुसार, साल दर साल मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसमें भी कम उम्र में यह बीमारी होना और चिंता कारण है। ओपीडी में 30 से 40 मरीज हार्ट अटैक वाले पहुंच रहे हैं। इसमें कई मरीजों की एंजियोग्राफी करनी पड़ती है। दिल की बीमारी पहले जहां 50 साल से अधिक उम्र वालों को होती थी, वहीं अब 20 से 40 साल के युवा छोड़िए 12 साल के बच्चे भी इससे अछूते नहीं रहे। बीएचयू अस्पताल के आंकड़े बताते हैं कि बीमारी की चपेट में आने वाले मरीजों की संख्या में पिछले 12 साल में 18 गुना इजाफा हुआ है। 2011 में जहां एक सप्ताह में तीन दिन चलने वाली ओपीडी में हर सप्ताह 100 मरीज हृदय रोग विभाग की ओपीडी में आते थे, वहीं 2023 में हर दिन 300 मरीज पहुंच रहे हैं। इसी तरह अन्य अस्पतालों में भी मरीज आ रहे हैं। वहीं, 20 वर्ष कम उम्र के करीब 30 बच्चे सप्ताह में विभाग में आ रहे हैं। हृदय रोग से बचाव के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। डॉक्टरों के अनुसार, साल दर साल मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसमें भी कम उम्र में यह बीमारी होना और चिंता कारण है। ओपीडी में 30 से 40 मरीज हार्ट अटैक वाले पहुंच रहे हैं। इसमें कई मरीजों की एंजियोग्राफी करनी पड़ती है