Udayprabhat
uttrakhand

रुद्रपुर मेयर रामपाल को लगा झटका, हाईकोर्ट का फैसला 16 अगस्त को हुई बोर्ड बैठक के सभी प्रस्ताव खारिज, आरटीआई कार्यकर्ता रामबाबू की जनहित याचिका पर आया फैसला

रुद्रपुर। नगर निगम में 16 अगस्त विवादित वोर्ड बैठक में पास 60 से ज्यादा प्रस्तावों पर हाईकोर्ट की डबल बैंच ने सुनाई के बाद रोक लगा दी है। मामले में आरटीआई कार्यकर्ता रामबाबू ने जनहित याचिका दायर कर मेयर और तत्कालीन नगर आयुक्त विशाल मिश्रा द्वारा बुलाई गई बोर्ड बैठक पर सवाल खड़े करते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने मेयर और तत्कालीन नगर आयुक्त विशाल मिश्रा पर अवैध और नियमों को ताख में रखकर बोर्ड बैठक कराने के आरोप लगाए थे। मेयर रामपाल के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है। आरटीआई कार्यकर्ता रामबाबू की मानें तो शासन ने 08 अगस्त को सीडीओ ऊधमसिंहनगर/नगर आयुक्त रुद्रपुर निगम विशाल मिश्रा को नगर आयुक्त पद से कार्यमुक्त कर दिया था। उनकी जगह नरेश चंद्र दुर्गापाल को नगर आयुक्त बनाया गया था। रामबाबू की माने तो नियम के तहत कोई भी अधिकारी कार्यमुक्त होने के बाद उस विभाग में फैसला नहीं ले सकता । रामबाबू के मुताबिक मेयर राम ने नवनियुक्त नगर आयुक्त के आने से पहले बडा खेला। उन्होंने अपनी तरफ से सभी पार्षदों को बोर्ड की स्वागत बैठक का पत्र जारी कर 16 अगस्त को नगर निगम बुला लिया। जहां पर विवादित कैंपस में बैठक कर उसे वोर्ड की बैठक का नाम दे दिया गया।इस बोर्ड की बैठक में कार्यमुक्त होने के बाद भी विशाल मिश्रा ने नगर आयुक्त की हैसियत से भाग लिया। और 64 विकास के कामों को हरी झंडी दे दी। जबकि जो प्रस्ताव लेटर था, उसमें सिर्फ 32 कामों का जिक्र किया था,वाकी प्रस्ताव पाषर्दों को खुश करने के लिए मनमाने ढंग से पास कर दिया गए। इसकी शिकायत रामबाबू ने डीएम, मुख्य सचिव, सीएम कार्यलय, राज्यपाल से भी की थी। आरटीआई कार्यकर्ता रामबाबू की मानें तो नियम के तहत वोर्ड बैठक का एजेंडा नगर आयुक्त की तरफ से जारी होता।मेयर वोर्ड बैठक का एजेंडा जारी नहीं कर सकता। लेकिन भष्टचार में डूबे मेयर ने सभी नियम कायदे ताख में रख दिए।वह खुद ही नगर आयुक्त भी बन गए। रामबाबू ने मेयर और तत्कालीन नगर आयुक्त विशाल मिश्रा के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है। जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में पिछले सप्ताह सुनवाई हुई। जिसमें आरटीआई कार्यकर्ता रामबाबू की दलील को मननीय जजों ने सही मानते हुए रुद्रपुर नगर की 16अगस्तक़ बोर्ड बैठक पास सभी प्रस्तावों को निरस्त करने के आदेश दिए हैं। रामबाबू के मुताबिक कोर्ट में निगम के अधिवक्ता की तरफ से शपथपत्र दाखिल कर बताया गया है,की 16अगस्त को बोर्ड बैठक में पास किसी भी प्रस्ताव पर अभी कोई काम नहीं किया गया, जबकि खबर यह है,की पिछले महीने वोर्ड की विवादित में जो प्रस्ताव पास हुए थे, उनमें कई कार्य पहले ही हो चुके थे, वहीं कई कामों रातों रात पूरे करा दिए गए हैं, जिसमें कुछ कागजी काम भी है। विवादित सभागार में भी लाखो रुपए खर्च किए गए हैं। दोनों के खिलाफ विवादित सभागार बनाने की भी हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।

Leave a Comment