Udayprabhat
uttrakhand

खनन जैसे प्राकृतिक रोजगार को निजी हाथों में सौंप कर बेचने का काम कर रही है सरकार : भुवन कापड़ी

सोमवार को उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने खनन को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला है। उनका कहना है कि सरकार खनन जैसे प्राकृतिक रोजगार को निजी हाथों में सौंप कर बेचने का काम कर रही है जिससे प्रदेश के ऐसे लाखों लोग जो प्राकृतिक रोजगार के साथ अपना घर चला रहे हैं, लेकिन सरकार उनसे जल जंगल जमीन का अधिकार छीन रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार समूचे राज्य में खनन के मुख्य क्षेत्र हरिद्वार, देहरादून, उधम सिंह नगर और नैनीताल की प्रमुख नदियों को निजी हाथों में सौंप रही है जिसकी वजह से स्थानीय खनन से जुड़े हजारों लोगों के सामने बहुत बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। कापड़ी का कहना है कि प्रदेश के लोगों के लिए खनन एक मुख्य व्यवसाय है और उनकी रोजी रोटी से जुड़ा व्यवसाय है और उसको भी सरकार निजी कंपनियों के हाथों में देने का काम कर रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि मसूरी स्थित जॉर्ज एवरेस्ट पर्वत को एक निजी कंपनी को लीज पर दिया है और कंपनी स्थानीय लोगों से जो करीब 100 सालों से वहां पर रह रहे हैं उनसे अपने घरों तक आने-जाने के लिए राशि की मांग कर रही है। जिन स्थानीय दुकानदारों का जॉर्ज एवरेस्ट के आसपास व्यवसाय है, उनके आगे बड़े-बड़े जाल लगाकर उनका आर्थिक और मानसिक शोषण किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उधम सिंह नगर के रुद्रपुर में सरकारी भूमि को बाजारी मूल्य से भी कम कौड़ी के दामों पर भर के बिल्डरों को सौंप रही है इससे राज्य के खजाने को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने स्मार्ट सिटी को लेकर भी सरकार पर हमला बोला है। भुवन कपड़े का कहना है कि सरकार स्मार्ट सिटी के नाम पर देहरादून का मूल स्वरूप बिगाड़ रही है, और देहरादून के निवासियों को स्मार्ट सिटी के नाम पर भ्रमित किया जा रहा है। उनका कहना है कि सरकार भू कानून नहीं बनाकर बाहर के लोगों को जमीन देने की तैयारी कर रही है। वहीं भुवन कापड़ी ने यह भी कहा कि पहले खनन का काम वन निगम कुमाऊं मंडल विकास निगम और गढ़वाल मंडल विकास निगम के अधीन था और यदि वहां सिस्टम खराब था तो सरकार को इसे दुरुस्त करना चाहिए। उन्होंने सरकार पर निगमों को खत्म करने और रोजगार को खत्म करने का आरोप भी लगाया है।

Leave a Comment