- देहरादून में साइंस सिटी के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार के बीच समझौता
- मुख्यमंत्री की उपस्थिति में यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल एवं सचिव एनसीएसएम श्री समरेन्द्र कुमार ने समझौता ज्ञापन पर किये हस्ताक्षर
- 173 करोड़ रूपये की परियोजना है साइंस सिटी
- 88 करोड़ रूपये केन्द्र सरकार एवं 85 करोड़ रूपये राज्य सरकार वहन करेगी
- चार साल में साइंस सिटी का कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य।
देहरादून| देहरादून(Dehardun) के झाझरा में साइंस सिटी बनाने का रास्ता साफ हो चुका है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की उपस्थिति में उत्तराखण्ड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (UCOST) और राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद् (NCSM) के बीच समझौते(Agreement) पर साइन किए किए गए. देहरादून के झाझरा में 173 करोड़ की लागत से साइंस सिटी बनाने की योजना सरकार की अगले चार सालों में पूरा करने का लक्ष्य रखा है. इस बजट के लिए 88 करोड़ केंद्र व 85 करोड़ रूपये राज्य सरकार उठाएगी.
साइंस सिटी देहरादून(Science City) में खगोल एवं अंतरिक्ष विज्ञान(Geography and Space Science), रोबोटिक्स(Robotics), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी(Science and Technologies) की विरासत, भूगर्भीय जीवन(Geological life) , जलवायु परिवर्तन(Climate Change), ऊर्जा(Energy), जैव प्रौद्योगिकी(Bio Technology), वर्चुअल रियलिटी(Virtual Reality), ऑग्मेंटेड रियलिटी(Augmented reality), आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स(Artificial Intelligence) के साथ स्पेस थियेटर सहतारामंडल (Space Theater Constellation), हिमालय की जैवविविधता पर डिजिटल पैनोरमा(Himalayan Biodiversity), सिम्युलेटर(Simulator), एक्वेरियम(Aquarium), उच्च वोल्टेज व लेजर(High Voltage and laser), आउटडोर साइंस पार्क(Outdoor Science Park), थीम पार्क(Theme Park), बायोडोम(Bio-dome), बटरफ्लाई पार्क(Butterfly Park), जीवाश्म पार्क एवं मिनिएचर उत्तराखंड(Fossil Park and miniature Uttarakhand) आदि होंगे.
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत(Trivendra Singh Rawat) ने कहा कि देहरादून में बनने वाले साइंस सिटी सबके आकर्षण का केन्द्र बने इसके लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है. इसे निर्धारित समयावधि से पूर्व पूर्ण करने के प्रयास किये जाए. उन्होंने कहा कि किसी भी बड़े प्रोजक्ट को पूरा करने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति का होना जरूरी है। सबके सामुहिक प्रयासों से यह प्रोजक्ट समय से पहले पूरा करने का प्रयास किया जायेगा. उन्होंने कहा कि भारत की वैज्ञानिक संस्कृति को आगे बढ़ाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा। राज्य सरकार का प्रयास होगा कि उत्तराखण्ड के वैशिष्ट्य को लोग साइंस सिटी के माध्यम से देख सकें। साइंस सिटी के लिए स्थान का चयन भी छात्र-छात्राओं एवं लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किया गया है.
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