देहरादून| जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन(GMVN) के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी का कहना है कि मुख्यमंत्री यानी खुद को महामानव समझने वाले श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के इन लगभग 4 सालों के कार्यकाल में अब तक लगभग 21,600 करोड़ रुपए का बाजारू ऋण लिया जा चुका है, लेकिन आज भी दूरदराज के क्षेत्रों की प्रसव पीड़िता व बीमार को चारपाई व डंडो के सहारे मुख्य मार्ग तक लाया जा रहा है.
मोर्चा का कहना है कि कर्ज लेने के मामले में श्री त्रिवेंद्र रावत पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं तथा वहीं इसके विपरीत काम के मामले में फिसड्डी साबित हुए हैं. मोर्चा के अनुसार अगर कर्ज की बात की जाए तो वर्ष 2017-18 में लगभग 6000 करोड, 2018-19 में 6300 करोड़, 2019- 20 में 5100 करोड़ तथा 2020- 21 (19 जनवरी 2021 तक) 42 00 करोड रुपए लगभग 8-9 फ़ीसदी की दर पर लिया जा चुका है. नेगी ने कहा कि हजारों करोड रुपए कर्ज़ लेने के बावजूद भी दूरदराज के क्षेत्रों में सड़क न होने एवं इलाज के अभाव में मातृशक्ति तथा बीमार रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं, इलाज मिलना तो बहुत दूर की बात है. यह असहनीय दर्द तत्पश्चात मौत एक प्रकार से हत्या जैसा कृत्य है.
नेगी ने कहा कि गरीब प्रदेश द्वारा लिया जाने वाला कर्ज झूठे विज्ञापनों, ऐशो-आराम व अन्य मदों में खपाया जा रहा है.
जमन संघर्ष मोर्चा ने लगाए सरकार और राजभवन पर ये आरोप
– इन 4 वर्षों में सरकार ले चुकी लगभग 22 हजार करोड़ बाजारू कर्ज
– प्रसव पीड़िता/ बीमार आज भी चारपाई के सहारे लाई जा रहे मुख्य मार्ग तक
– सड़कों तथा इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे बीमार
– संसाधनों के अभाव में हो रही मौतें एक तरह से हत्या
– सरकार कर्ज के पैसे को झूठे विज्ञापन/ ऐशो आराम पर लूटा रही
– राज्य की अवधारणा को किया चूर-चूर
– राजभवन अपने धर्म/ कर्तव्य से हुआ विमुख
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