उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार अपने करीब 34 सालों के लंबे आईपीएस के सफर से आज सेवानिवृत हुए हैं। बीते दिन राजधानी देहरादून के पुलिस मुख्यालय में उन्होंने बतौर डीजीपी अपनी अंतिम प्रेसवार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा की मैंने करीब साढ़े चौंतीस साल पुलिस की वर्दी पहनी है और राज्य में कानून व्यवस्था कायम करने के लिए हमेशा प्रयास किए। ऑपरेशन मुक्ति, ऑपरेशन प्रहार और ऑपरेशन स्माइल सहित कई अभियान चलाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा की नशा, ट्रैफिक और साइबर क्राइम पुलिस के सामने बड़ी चुनौती है और उनके कार्यकाल में राज्य के लिए यातायात प्रबंधन, नशा और साइबर क्राइम जैसी बड़ी चुनौती से निपटने में उनकी पुलिस काफी कारगर रही, लेकिन ये चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं और आने वाले डीजीपी के लिए भी ये चुनौतियां सबसे बड़ी होंगी। इसके लिए लगातार काम करना होगा। उन्होंने ये भी कहा कि कोविड उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक थी। उस दौरान कुंभ मेले का आयोजन तो शायद ऐसी चुनौती थी, जो हर किसी को अपने कार्यकाल में शायद ही देखने को मिले। पुलिस लाइन में सम्मानपूर्वक उनकी विदाई की गई जिसके बाद अब 1996 बात के आईपीएस अभिनव कुमार अब देवभूमि उत्तराखंड के नए डीजीपी घोषित किए गए। माना जाता है कि नवनियुक्त डीजीपी अभिनव कुमार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के करीबी हैं।