निकाय चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशी ही नहीं सत्ताधारी दल के लिए भी विशेष नियम बनाए हैं। कोई भी सरकार का मंत्री अपने मतदान केंद्र के भीतर केवल एक मतदाता की हैसियत से ही जा सकेगा।
आचार संहिता के दौरान सरकार या उसके मंत्री कोई भी ऐसी घोषणा या निर्णय नहीं करेंगे, जो सीधे तौर पर निकायों को प्रभावित करता हो। आचार संहिता में स्पष्ट किया गया है कि मंत्री किसी कल्याणकारी योजना के संबंध में अपने विभागीय अधिकारियों से सूचना प्राप्त कर सकते हैं लेकिन निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों से कोई भी बैठक नहीं कर सकते। चुनाव के दौरान मंत्री, निकायों के निर्वाचित पदाधिकारी जनसंपर्क राशि या विवेकाधीन राशि का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
न ही किसी सहायता या अनुदान का आश्वासन दे सकते हैं। राज्य सरकार, जिले का सरकारी तंत्र या नगर निकाय, चुनाव अवधि में निकायों से संबंधित कोई भी ऐसी घोषणा नहीं करेंगे। जिससे मतदाता प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो। चुनाव के दौरान सत्ताधारी दल के मंत्री शासकीय दौरे को चुनाव प्रचार कार्य से नहीं जोड़ेंगे। न ही शासकीय तंत्र या कर्मचारियों का उपयोग करेंगे।