अल्मोड़ा: उत्तराखंड के पहाड़ के गांव में पलायन का कोई एक कारण नहीं है। पहाड़ की विषम परिस्थितियों में हर कोई नहीं रह सकता यह भी एक कड़वा सच है। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में जमरिया गांव में एक सरकारी स्कूल है। स्कूल में केवल एक छात्र ही पढ़ाई करता है। लेकिन अभी कुछ ही समय पहले ही यहां कई बच्चे पढ़ते थे।
अल्मोड़ा जिले में स्थित जमरिया गांव का सरकारी प्राथमिक विद्यालय कुछ ही समय पहले बच्चों से गुलजार रहा करता था। जमारिया और गांव के आसपास के ही यहां कई बच्चे पढ़ते थे। वर्ष 2022 में यहां नरभक्षी बाघ लग गया था। उसने गांव के लोगों पर हमला करना शुरू किया तो मां-बाप ने अपने बच्चे शहर के स्कूलों में पढ़ने भेज दिए।
पहाड़ों के कई अन्य सरकारी स्कूलों की तरह यह स्कूल भी बंद होने के कगार पर है। यहां पढ़ने वाला एकलौता छात्र भी शहर की तरफ दूसरे स्कूल में पढ़ाई करने के लिए जाने वाला है। स्कूल की प्रिंसिपल ने बहुत प्रयास किये, गांव के लोगों से बातचीत की लेकिन स्थानीय लोग अपने बच्चों को रामनगर के निजी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में भेजना पसंद कर रहे हैं।
सड़क, स्वास्थ्य, सुरक्षा और शिक्षा
एक बच्चे से शुरू हुआ यह सिलसिला अब देखा देखी में जमरिया गांव के साथ ही आसपास के कई गांवों में भी फैल चुका है। उत्तराखंड के पहाड़ों में पलायन का बस एक ही कारण नहीं है। अगर सरकार को उत्तराखंड के पहाड़ आबाद करने हैं तो उन्हें सड़क, स्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ ही स्तरीय शिक्षा की गुणवत्ता पर भी ध्यान देना होगा। नहीं तो पलायन बदस्तूर ऐसे ही चलता रहेगा, गांव ऐसे ही खाली होते रहेंगे।