जब अपने परिश्रम के बल पर हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर बेटियां देश का मान बढ़ा रही हैं तो यूपी की बेटियां कहां पीछे रहने वाली थी। उन्हीं में से एक हैं यूपी के शाहजहांपुर की रोली बर्मा । जिनके पिता सफाईकर्मी हैं और परिवार आर्थिक संघर्षों से जूझ रहा है। परिवार की आर्थिक हालात भले ही ठीक न हो लेकिन हौंसले इतने बुलंद हैं कि एक के बाद एक कई मेडल जीतकर पूरे जिले का नाम रोशन कर रही है।
आज लोग उनकी गरीबी की नहीं, उनकी सफलताओं की चर्चा करते हैं। रोली ने जिले में आयोजित वेटलिफ्टिंग की अलग-अलग प्रतियोगिताओं में अब तक 4 गोल्ड सहित 9 मेडल जीतकर नेशनल प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई कर लिया है। आपको बता दें कि रोली के पिता सफाईकर्मी अजय पाल वर्मा स्वयं वेट लिफ्टिंग के खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने 2019 में रूस के मास्को में हुई विश्व चैंपियनशिप में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था।
घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के चलते अजय ने अपनी बेटी को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया और सीमित संसाधनों में ही बेटी को प्रशिक्षण देकर उसे एक बेहतरीन खिलाड़ी बना रहे हैं। रोली वर्मा ने बताया कि वह घर पर ही पापा के साथ प्रैक्टिस कर ब्लाक स्तरीय, जिला स्तरीय और मंडल स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग ले चुकी हैं। रोली का कहना है कि वेट लिफ्टिंग करना कोई आसान काम नहीं है।
उनके पापा के पास इतना भी पैसा नहीं है कि वह अच्छी डाइट ले सके। इसके बावजूद उनके पापा उनका पूरा ध्यान रखते हैं। उनका सपना ओलंपिक में भारत के लिए मेडल जीतना है। सच तो यह है कि सफलता गरीबी या अमीरी की मोहताज नहीं है। रोनी ने साबित कर दिया है सफलता जज्बे और परिश्रम से मिलती है पैसे से नहीं।