ऑस्ट्रेलिया से दुनिया के सबसे कुशल टनल भू वैज्ञानिक उत्तरकाशी पहुँच चुके है। काम करने से पहले क्षेत्रपाल देवा आदिदेव बाबा बौखनाग महादेव जी की पूजा की और अपना सिर जमीन पर लगा कर प्रणाम किया। बता दें कि वह उत्तरकाशी में टनल कार्य कर चुके है और देवभूमि में रहने की वजह से वो भी जानते है इस भूमि से देवताओं की मान्यता कितनी है। फिलहाल 6 इंच का पाइप अंदर तक पहुंच गया है जिसकी मदद से मजदूरों को अब पका हुआ भोजन मिल पायेगा। उन्होंने साफ कहा है कि उनको निकालने के हाथ से भी मिट्टी खोदनी पड़ सकती है, छह दिनों का उन्होंने समयमांगा है पर पका हुआ भोजन पहुंचने लगा है तो अब उतनी दिक्कत नही, उनके आने से सबकी जान मे जान आयी और वो हिमालय की मिट्टी जानते है और टनल में उन्हें महारथ हासिल है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अब सकुशल टनल में फंसे मजदूर निकल पाएंगे।
वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फोन पर बात कर सिलक्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फंसे श्रमिकों के लिए भोजन, दवाइयां, अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के साथ उन्हें सकुशल बाहर निकालने के लिए चल रहे बचाव कार्यों की जानकारी ली। प्रधानमंत्री को केंद्रीय एजेंसियों, अंतर्राष्ट्रीय एक्सपर्ट्स और प्रदेश प्रशासन के परस्पर समन्वय के साथ संचालित बचाव कार्यों से अवगत कराया गया। इस दौरान उन्हें विगत चौबीस घंटों में हुई सकारात्मक प्रगति एवं श्रमिकों और उनके परिजनों की बातचीत से बढ़े मनोबल की भी जानकारी दी।