आखिरकार उत्तराखंड एसटीएफ ने पुष्पांजलि के डायरेक्टर राजपाल वालिया को को नैनीताल से गिरफ्तार कर लिया है। अब एसएसपी एसटीएफ के चक्रव्यूह में पुष्पांजलि का राज कैद हो गया है।दीपक मित्तल व राजपाल वालिया ही पुष्पांजली प्रोजेक्ट्स धोखाधड़ी के मुख्य सूत्रधार माने जाते हैं।विगत कई समय से राजपाल वालिया पुलिस और अन्य एजेंसियों को गच्चा दे रहा था। अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए फिल्मी पैंतरे अजमा रहा था।शातिर व इनामी अपराधियों की शतप्रतिशत गिरफ्तारी हेतु पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड के ऑपरेशन प्रहार के तहत उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा एक और कामयाबी हासिल की गई है । वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा खतरनाक, शातिर व इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु तैयार चक्रव्यूह में ऐसे अपराधियों का बचना अब नामुमकिन सा हो गया है। उनके द्वारा ईनामी शातिर अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु तैयार व्यूहदृरचना में अब तक उन 48 शातिर व खतरनाक इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी एसटीएफ द्वारा की जा चुकी है। इस क्रम में आज एसटीएफ की एक टीम द्वारा बहुचर्चित पुष्पांजलि प्रोजेक्ट के शातिर इनामी अपराधी राजपाल वालिया की नैनीताल से गिरफ्तारी की गई है। वह काफी समय से पुलिस व अन्य एजेंसियों की गिरफ्तारी से बच रहा था। जिसकी गिरफ्तारी पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा हाल ही में 25000 रुपए इनाम की घोषणा की गई थी । वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि जनपद देहरादून में पुष्पांजलि प्रोजेक्ट के अंतर्गत फ्लैटों में निवेश करने के नाम पर कई लोगों से करोड़ों की धोखाधड़ी करने के मामलों में दीपक मित्तल, राखी मित्तल एवं राजपाल बलिया आदि के विरुद्ध थाना डालनवाला पर कई मुकदमे पंजीकृत हुए हैं। इन मामलों में मित्तल दंपति के साथ-साथ पुष्पांजलि प्रोजेक्ट के डायरेक्टर राजपाल वालिया की गिरफ्तारी हेतु जिला पुलिस के साथ-साथ अन्य एजेंसियों द्वारा काफी प्रयास किया जा रहे थे, परंतु राजपाल वालिया द्वारा लगातार अपने ठिकाने बदलते रहने एवं कोई भी फोन का इस्तेमाल नहीं करने के कारण उसकी गिरफ्तारी सभी के लिए चुनौती बनी हुई थी ।