तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के बेटे और डी. एम. के. सरकार में मंत्री उदय निधि स्टालिन ने सनातन धर्म को डेंगू और मलेरिया के समान बताया है, उनका यह विचार है कि इस धर्म का न केवल सिर्फ विरोध करना चाहिए, बल्कि इसे समाज से पूर्णतया समाप्त कर देना चाहिए, अगर हम संक्षेप में कहे तो वह यह कह रहे हैं कि भारत की 80% जनता का नरसंहार कर देना चाहिए, क्योंकि भारत के 80% लोग सनातन धर्म को मानते हैं।
एक तरफ राहुल गांधी मोहब्बत की दुकान की बात करते हैं, वहीं कांग्रेस की सहयोगी पार्टी डी.एम.के. के वंशज भारत से सनातन धर्म को समाप्त करने की बात करते हैं, इस बात पर कांग्रेस की चुप्पी यह बताती है कि वह इस नरसंहार का समर्थन करती है।
अगर I.N.D.I.A को मौका दिया गया तो वह भारत की वर्षों पुरानी सभ्यता को समाप्त कर देगा।
क्या मुंबई की बैठक में यह सब तय किया गया….?