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उत्तर प्रदेश

डीएम ने ली जिला पर्यावरण समिति की मासिक बैठक, उपस्थित नही होने वाले अधिकारियों को नोटिस के आदेश

जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने वन विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि जिले के 21 गंगा ग्रामों में नालों की टेपिंग, ठोस अपशिष्ट, सीवेज, ट्रीटमेंट प्रबंधिन की वर्ममान स्थिति एवं अनटैप्ड नालों की मौके पर जांच करें कि कही उनका निकास गंगा या उसकी सहायक नदियों में तो नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि जन सामान्य को जल-समाधि के स्थान पर भू-समाधि के लिए प्रेरित करें तथा गंगा किनारे बने पार्क को आकर्षक व सुन्दर बनाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने बॉयो वेस्ट पर समुचित निंयत्रण स्थापित करने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि अस्पतलों में औचक निरीक्षण करें और बायो वेस्ट का निस्तारण न करने वाले दोषियों पर न केवल अर्थदण्ड लगाएं बल्कि पर्यावारण एक्ट की सुसंगत धाराओं के तहत उन पर कार्यवाही भी अमल में लाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिला बिजनौर से बॉयोवेस्ट डिस्पोजल के लिए जो कम्पनियां नामित हैं, उनसे बॉयोवेस्ट उपलब्ध कराने वाले अस्पतालों एवं अधिष्ठानों की सूची तलब करें और उसके अनुसार संबंधित संस्थानों में कंपनियों द्वारा बॉयोवेस्ट उठान और डिस्पोजल की जांच करना भी सुनिश्चित करें।
उन्होंने प्रदूषण अधिकारी को निर्देश दिए कि तत्काल गंगा तटीय ग्रामों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कार्य योजना प्रस्तुत करें तथा इसी के साथ उन्होंने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए कि सभी अधिशासी अधिकारी नगर निकायों में प्रतिबंधित पॉलीथिन का प्रयोग करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करें और उनसे अर्थदण्ड वसूलें। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी सॉलिड वैस्ट के लिए जगहों का चिन्हांकन कराना सुनिश्चित करें ताकि कचरे को एक जगह जमा किया जा सके। उन्होंने उप संभागीय परिवहन अधिकारी को निर्देश दिए कि शासन द्वारा निर्धारित अवधि पूरे कर चुके संचालित वाहनों को अभियान चला कर सीज़ करें और उनपर पैनाल्टिी भी निर्धारित करें।
इस अवसर पर डीएफओ अरूण कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 विजय कुमार गोयल, पंचायत राज, सिचाई, पर्यावरण सहित अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

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