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उत्तर प्रदेशराज्य

बिजनौर में वन विभाग की 389 है० भूमि पर कब्जा

बिजनौर में वन विभाग की 389 है० भूमि पर कब्जा

पौधा रोपण करने के नाम पर भी लाखो का खेला

जब बिल्ली को ही दूध की रखवाली के लिए छोड़ दिया जाए तो अंजाम क्या होगा सभी बेहतर जानते है। ऐसा ही एक मामला बिजनौर सदर तहसील क्षेत्र में सामने आया है जहां वन विभाग की सैकड़ो बीघा भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कराने का मामला सामने आया है। जहां किसान के रूप में व्यापारी इस जमीन पर कब्जा कर फसले उगा रहे है वहीं जिम्मेदार मलाई चाटने में व्यस्त है।
गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिजनौर सदर तहसील क्षेत्र के ग्राम मोहनपुर से लगी वन विभाग की करीब 389 हेक्टेयर भूमि पर दबंगो द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया गया है। हालांकि यह भूमि वृक्षारोपण के लिए सरकारी आदेशों में अंकित की गई थी परंतु इस वर्ष किसानो द्वारा पलेज लगाकर सब्जी और फल उगाये जा रहे है। सूत्रों की माने तो यहां इस वर्ष वृक्षारोपण नही किया गया है और गंभीर बात यह कि वृक्षारोपण न होने के चलते भी सरकारी खाते से 18 लाख की रकम वृक्षारोपण करने के नाम पर निकाल ली गई है । सूत्रों का दावा है कि 3 हजार रुपए हैक्टेयर के नाम पर किसानो को जमीन दी गई है जिससे जिम्मेदारों की मौज है। बताया जाता है कि सन 2007 में प्रशासन ने दिन रात एक कर इस सैकड़ो हैक्टेयर भूमि को कब्जा मुक्त कराया था । परंतु इस वर्ष कुछ जिम्मेदारों ने सरकारी भूमि पर ही हजारों रुपयों के लालच में न केवल अवैध कब्जा करा दिया बल्कि सरकारी कोष से पौध लगाने के नाम पर भी 18 लाख गायब कर दिए । विशेष सूत्रों की माने तो बरसात के समय इस क्षेत्र में आने वाली बाढ़ मे इन लाखो रुपयों की पौध के बह जाने का हवाला देते हुए लाखो रुपयों गबन का प्लान हर साल बनाया जाता है और इसे धरातल पर भी बखूबी उतार दिया जाता है। उधर बिजनौर जिलाधिकारी से इस संबंध में जानकारी की गई जिसमे उन्होंने जांच की बात कही है। हालांकि उदय प्रभात इन सभी आरोपों की पुष्टि नहीं करता परंतु जांच के लिए लगातार उठ रही मांगो के चलते यह कही ना कही अंदेशा लगाया जा सकता है कि दाल में जरूर कुछ काला है।

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