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राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के प्रावधानों के अनुसार अंडर-ग्रेजुएट (UG) कोर्सेस के लिए क्रेडिट फ्रेमवर्क लागू

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के प्रावधानों के अनुसार अंडर-ग्रेजुएट (UG) कोर्सेस के लिए क्रेडिट फ्रेमवर्क लागू करने के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने अब ‘करिकुलम एण्ड क्रेडिट फ्रेमवर्क फॉर पोस्ट-ग्रेजुएट प्रोग्राम्स’ (CCFPG) रविवार 16 जून को जारी किया। इन क्रेडिट फ्रेमवर्क  के अनुसार दाखिले के लिए अब स्नातक (UG) स्तर पर समान/सम्बन्धित विषय होने की बाध्यता नहीं होगी।

इन उच्च शिक्षा संस्थानों में संचालित होने वाले परास्नातक (PG) पाठ्यक्रमों को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने क्रेडिट फ्रेमवर्क की अधिसूचना जारी कर दी है। आयोग द्वारा रविवार, 16 जून को जारी नए ‘करिकुलम एण्ड क्रेडिट फ्रेमवर्क फॉर पोस्ट-ग्रेजुएट प्रोग्राम्स’ (CCFPG) के अनुसार एक या दो वर्ष वाले PG कोर्सेस में दाखिले के लिए अब स्नातक (UG) स्तर पर समान/सम्बन्धित विषय होने की बाध्यता नहीं होगी। साथ ही 2 वर्ष वाले PG कोर्स में भी अब पहले वर्ष के बाद ‘एग्जिट’ का विकल्प मिलेगा।

UGC द्वारा जारी किए गए PG कोर्सेस के लिए क्रेडिट फ्रेमवर्क को लेकर आयोग के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने कहा, “किसी विषय की आवश्यकताओं के बिना, यह फ्रेमवर्क एक-वर्षीय और दो-वर्षीय पीजी कार्यक्रमों के लिए क्रेडिट और शैक्षणिक संरचना का विवरण देती है। यह दो-वर्षीय कार्यक्रम में पहले वर्ष के बाद बाहर निकलने का विकल्प प्रदान करता है। लचीलापन और गतिशीलता इस फ्रेमवर्क की पहचान हैं

”UGC PG Credit Framework 2024 की मुख्य बातें

PG कोर्सेस में NEP 2020 के अनुसार करिकुलम में किया गया बदलाव
3 वर्ष का स्नातक पाठ्यक्रम करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए 2 साल का गहन शोध केंद्रित परास्नातक पाठ्यक्रम
शोध सहित 4 वर्षीय स्नातकों के लिए 1 वर्ष का परास्नातक पाठ्यक्रम
पीजी स्तर पर बहु-विषयक (Multidisciplinary) पढ़ाई को बढ़ावा, जिसमें AI से लेकर प्रोफेशनल कोर्सेस जैसे – हेल्थकेयर, कृषि, लॉ, आदि शामिल होंगे।
छात्र-छात्राओं को अपने पसंद का विषय चुनने की छूट
छात्र-छात्राओं की विभिन्न मोड (ऑफलाइन, ODL, ऑनलाइन और हाईब्रिड) में पढ़ाई
UGC के एकेडेमिक क्रेडिट बैंक (ABC) के अनुसार छात्र-छात्राओं को लचीलापन और गतिशीलता मिलेगी

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