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18 वीं लोकसभा के पहला सत्र की शुरुआत आज से होने जा रही है

18 वीं लोकसभा के पहला सत्र की शुरुआत आज से होने जा रही है। संसद का ये सत्र तीन जुलाई तक चलेगा। इस सत्र में सबसे पहले प्रोटेम स्पीकर के पद पर नियुक्त किए गए सदन के वरिष्ठ सदस्य भर्तृहरि महताब को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज शपथ दिलाई। इसके बाद अब प्रोटेम स्पीकर सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी को सदन के सदस्य की शपथ दिलाएंगे। इसके बाद चेयर के सहयोगी सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी। उसके बाद मंत्रियों व बाकी सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी। मोदी सरकार 3.0 का संसद में पहला सत्र काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। इंडी गठबंधन इसकी तैयारी पहले ही कर चुका है।
मोदी समेत सभी नवनिर्वाचित सांसदों की शपथ से होगी कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा कि सरकार का रवैया अभी भी अहंकार से भरा है। उन्होंने एक दलित सांसद को हटा दिया जो 8 बार से सांसद है। के सुरेश को प्रोटेम स्पीकर होना चाहिए था। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसदीय कार्य मंत्री ने विपक्षी दलों से परामर्श किए बिना ऐसा निर्णय लिया है। भर्तृहरि महताब ने राष्ट्रपति भवन में प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ ली। महताब सात बार के सांसद हैं। छह बार उन्होंने बीजू जनता दल और इस बार भाजपा की टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें शपथ दिलाई।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने कहा, “एक सकारात्मक शुरुआत होगी। कई नए सांसद आए हैं। सभी सांसदों को सीपीपी कार्यालय बुलाया है ताकि हम उन्हें संसदीय कार्यों के बारे में निर्देश दे सकें। एक रचनात्मक विपक्ष होगा। हम लोगों के मुद्दे उठाएंगे और जब देश की बात आएगी तो हम उसमें भी सहयोग करेंगे।”
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में भाग लेने के लिए अपने आवास से निकल चुके हैं। कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा कि एनडीए सरकार ने लोकसभा की परंपरा का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि अब तक परंपरा थी कि जो सांसद सबसे अधिक बार निर्वाचित होता है, वही प्रोटेम स्पीकर बनता है और भर्तृहरि महताब 7वीं बार सांसद चुने गए हैं। जबकि, वो 8वीं बार सांसद चुने गए। के सुरेश ने कहा कि एनडीए फिर से विपक्ष का अपमान कर रहा है, इसलिए इंडी गठबंधन ने सर्वसम्मति से पैनल सदस्यों का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि मैंने सभी नेताओं से मुलाकात की। अभी-अभी मैंने डीएमके संसदीय दल के नेता टीआर बालू से मुलाकात की और सभी इस बात पर सहमत हैं कि भारतीय संसद के इतिहास में प्रोटेम स्पीकर कभी कोई बड़ा मुद्दा नहीं रहा और प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति मूल रूप से नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने और नए अध्यक्ष के चुनाव में मदद करने के लिए होती है।

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