न्यूज डेस्क| उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन(President Rule) लगाने की एक जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने कहा कि अगर आप ज्यादा बहस करेंगे तो आप पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा.
दरअसल, तमिलनाडु(Tamilnadu) के वकील सीआर जयासुकिन ने जनहीित याचिका दायर की थी कि यूपी में कानून व्यवस्था बदहाल है. याचिकाकर्ता ने हाथरस रेप कांड (Hathras rape case) का हवाला देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है और कानून व्यवस्था बदहाल है. NCRB के आंकड़े भी बताते हैं कि महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधिक मामले यूपी में ज्यादा हैं. लिहाजा वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.
ये भी पढ़ें – शर्मनाक : कोटद्वार में जन्मदिन पार्टी में गई 13 साल की बच्ची से रेप
इस अपील पर उच्चतम न्यायालय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने सही से रिसर्च नहीं की है. याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि हाथरस में युवती के साथ हुए रेपकांड के कारण देशभर में आक्रोश है. युवती ने सफदरजंग हॉस्पिटल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. हाथरस मामला 14 सितंबर को हुआ था जिसपर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था. अदालत ने कहा था कि यह मामला सार्वजनिक महत्व का है क्योंकि इसमें राज्य के उच्च अधिकारियों पर आरोप लगे हैं.
हाथरस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी जांच के लिए सेवानिवृत जज जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता में एक कमेटी का भी गठन किया है. मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है.
http://udayprabhat.co.in/breaking-news-highlights-flash-flood-into-dhauli-ganga-river-in-joshimath-chamoli-uttarakhand-government-issues-high-alert-to-public-and-sdrf-disaster-management-teams-and-administration-in-va-2/