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उत्तर प्रदेशराज्य

उत्तर प्रदेश रोडवेज की चार बसें अपने रुट से गायब, विभाग की नहीं सुनते कर्मचारी

उदय प्रभात संवाददाता

बिजनौर| उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की चार बसों का परमिट नगीना बढ़ापुर मार्ग पर है लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण चारो बसें नियमित व समय से नही चलायी जाती है. दिल्ली जाने वाली गाड़ी कभी चलायी जाती तो कभी नही, जिसके कारण यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जबकि विभाग को इन बसों से अच्छी आमदनी होती है. इस संबंध में एआरएम बिजनौर से समाजसेवियो द्वारा शिकायते करने पर भी कोई ध्यान नही दिया जा रहा है.

नगीना बढ़ापुर 14 किमी प्राइवेट मार्ग है. इस मार्ग पर करीब 20 से अधिक परमिट प्राइवेट बसों के है और चार उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के परमिट काफी समय पूर्व जारी किये जा चुके है लेकिन इन चार बसों में से मात्र दो बसें दिल्ली के लिये चलायी जाती हैं, जो कभी कभी आती है, जिसके कारण यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक बस बढ़ापुर से प्रातः 6:45 पर दूसरी 11 बजे दिल्ली के लिए निर्धारित है , जो कभी कभी आती है. तीसरी बस को विभाग द्वारा प्रातः 6 बजे से देहरादून के लिये और चौथी बस को 9 बजे से मेरठ के लिये चलाया गया था लेकिन कुछ समय बाद विभाग द्वारा देहरादून व मेरठ के लिए चलने वाली दोनों बसो को रोक दिया गया है. करीब 8 माह से यह बसे नही चलायी जा रही है. सभी बसों को शाम या रात्रि में बढापर पहुँचना निर्धारित किया गया था जबकि 11 बजे दिल्ली के लिए चलने वाली बस रात्रि में वापस आती है और चारो बसे बहुत अच्छी आमदनी विभाग को देती रही है. इस संबंध में नगर के कुछ समाज सेवियो द्वारा समय समय पर लिखित व मौखिक शिकायत की जाती है लेकिन परिवहन विभाग इस ओर कोई ध्यान नही दे रहा है. इस मामले मे सहायक परिवहन अधिकारी (एआरएम) भी कोई संतोषजनक समाधान नहीं निकाल पा रहे है या ये कहें कि निकालना ही नही चहते है क्योंकि उनसे लोग बार बार शिकायत करते है लेकिन शिकायतों को पूरी तरह नजर अंदाज किया जाता है. यात्रियों का कहना है कि इन बसों पर चलने वाले कुछ ड्राइवर और कंडक्टर इस रोड पर आना ही नही चाहते. वह अपनी मर्जी से बस चलाते है. इससे यही अंदाजा लगाया जाता है कि वह अपने अधिकारी की बात को अनदेखा करते हैं. जो एक गंभीर विषय है.

इन बसों के बन्द होने के बाद से बढ़ापुर से दिल्ली के लिये एक डग्गामार बस निरंतर रूप से प्रातः 5:बजे दिल्ली को जाती है. दूसरी ओर प्राइवेट बसों में रोडवेज से बहुत ज्यादा किराया यात्रियों से लिया जाता है. रोडवेज में नगीना बढ़ापुर का किराया 19 रुपये है जबकि प्राइवेट बसों में 25 रुपये प्रति यात्री से लिया जा रहा है. इस संबंध में किसान यूनियन की ओर से ए आर टी ओ से शिकायत पर निर्धारित किराया 20 रुपये लिया जा रहा है. प्राइवेट बसो का संचालन भी नियमित रूप से नही किया जाता है. वर्तमान सरकार में बैठ लोग बातें तो बड़ी बडी करते है लेकिन बढ़ापुर क्षेत्र अनेको जन समस्याओं से जूझ रहा है परंतु इस ओर कोई भी ध्यान देने को तैयार नही हैं.

इस सम्बंध में आर एम, मुरादाबाद, अतुल कुमार जैन भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे है उनका कहना है कि वह बसों का संचालन नियमित कराने का प्रयास करेंगे इस सम्बंध में उत्तर प्रदेश परिवहन के राज्य मंत्री अशोक कटारिया से मोबाइल पर बात करनी चाही लेकिन उनसे बात नही हो पायी। बहरहाल इस समस्या के कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

उधर एआरटीओ प्रशासन एस एस सिंह से उक्त विषय मे बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह कुछ हु समय पहले फेरबदल होकर यहाँ आये है जिसके चलते वह उक्त मामले से अनभिज्ञ थे , अब मामला संज्ञान में आने के बाद वह निगम को पत्र जारी करेंगे और उक्त विषय मे जानकारी कर शीघ्र से शीघ्र मामले का निस्तारण कर बसों को चलाने का प्रयास करेंगे.

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