उत्तराखंड में 16 घंटे की जंग, एक जिंदगी की जीत!
नंदानगर आपदा में पुलिस और बचाव दल ने किया चमत्कार
चमोली: उत्तराखंड का चमोली ज़िला इन दिनों दर्द और तबाही की एक दिल दहला देने वाली दास्तां सुन रहा है। नंदानगर ब्लॉक के कुंतरी लगा फाली गांव में 17 सितंबर की रात आई अतिवृष्टि ने सबकुछ उजाड़ दिया। आधी रात को जब लोग चैन की नींद सो रहे थे, तभी कुदरत ने ऐसा कहर ढाया कि पलक झपकते ही घर टूटकर मलबे में बदल गए। इस हादसे में कई लोग जिंदा दब गए।
मलबे में दबे लोगों के बीच कुंवर सिंह भी थे। 16 घंटे तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करते हुए वे मलबे के नीचे दबे रहे। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय ग्रामीणों की अथक कोशिशों के बाद आखिरकार कुंवर सिंह को जिंदा बाहर निकाल लिया गया। यह किसी बड़े चमत्कार से कम नहीं था। जब वे बाहर आए तो लोगों की आंखों में आंसू और दिलों में उम्मीद थी। लेकिन किस्मत ने उनसे बहुत बड़ी कीमत वसूली।
कुंवर सिंह की जान तो बच गई, मगर उनकी पत्नी और दो मासूम बेटे अब भी मलबे के नीचे दबे हैं। जवान लगातार कटर मशीन से छत काटकर उन्हें निकालने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हालात बेहद गंभीर हैं। कुंवर सिंह की आंखों में अपनों को खो देने का दर्द साफ झलक रहा है। बचाव दल कोशिशें कर रहा है, लेकिन उम्मीदें अब धुंधली नज़र आ रही हैं।
यह त्रासदी सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे इलाके की है। सरपाणी और धुर्मा गांव भी इस आपदा की चपेट में आए हैं। अचानक आई इस तबाही ने कई घरों को उजाड़ दिया। कुदरत का यह तांडव एक बार फिर हमें याद दिलाता है कि आपदा पल भर में जिंदगी बदल देती है।