जोध सिंह रावत
गैरसैंण| सड़क चौड़ीकरण की मांग को लेकर 3 माह से आंदोलित घाट ब्लॉक के ग्रामीणों पर पुलिस लाठी चार्ज का पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Ex CM Harish Rawat) ने निंदा की है। बुधवार शाम भराड़ीसैंण पहुंचे हरदा ने कहा कि यह हरकत कमोबेश मित्र पुलिस (Mitra Police) की नहीं हो सकती है। बुजुर्गों व महिलाओं को जिस बर्बरता से दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया, इससे सरकार को पलीता लगा है।
बताते चलें कि 87 दिन से आंदोलनरत चमोली (Chamoli) स्थित घाट विकासनगर (Ghat Block) के 72 गांवों के ग्रामीण सोमवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण कूच कर रहे थे जिन्हें मालसी बैरियर पर रोक गया। आंदोलनकारी अपनी बात को सूबे के मुखिया के समक्ष रखना चाह रहे थे किंतु बैरियर पर तैनादि पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल कर प्रदर्शनकारियों को रोकना चाहा, इस बीच पुलिस व आंदोलन कारियों के मध्य धक्का मुक्की हुई और आंदोलनकारी बैरिकेड पार कर आगे बढ़ने में सफल हो गये, जिन्हें 3 किमी आगे दीवाली खाल के विधानसभा मार्ग पर लगे बैरियर पर रोक गया। आगे बढ़ने के लिए घंटों तक जद्दो जहद होते रही, इस बीच पुलिस में अपना धैर्य खो दिया व एकाएक लाठी चार्ज शुरू हो गया। भगदड़ मच गई। महिलाएं व बुजुर्गो को भी नहीं बख्शा गया। घटना में कई घायल हो गए। इस बीच आंदोलनकारियों की ओर से पथराव सुरु कर दिया जिसमें कुछ पुलिस कर्मी भी चोटिल हो गए।
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यूं तो प्रदर्शनकारियों द्वारा किये गए पथराव को भी कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है, किन्तु मामले में क्रिया की प्रतिक्रिया स्वाभाविक थी। कुछ पुलिस कर्मियों को बेशर्मी की हदें पार कर भद्दी गालियां देते सुना गया, युवाओं का गुस्सा लाजमी था। माना जा रहा है कि आंदोलनकारियों को उकसाया गया, जिससे माहौल बिगड़ गया।मंगलवार को विपक्ष ने इस बर्बरता की तुलना जनरल डायर से कर सदन से वाकआउट किया, जब कि पूरे प्रदेश में सरकार व मुख्यमंत्री के पुतले जलाये गए। हालांकि घटना के मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश हुए हैं किंतु जांच से सरकार पर लगे दाग नहीं मिट सकते हैं।
दिवालीखाल पुलिस कार्यवाही की सत्ता पक्ष ने भी निंदा की है। काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए लाठी चार्ज से बचने की आवश्यकता बताई, जब कि राज्य मंत्री धन सिंह ने मामले को गलत ठहराया, वहीं पीड़ित क्षेत्र से विधायक मुन्नी देवी ने कहा कि वे स्तब्ध हैं और समझ नहीं पा रही हैं कि यह सब कैसे और क्यों हुआ। घाट ब्लॉक को भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है, ऐसे में अब भाजपा पर गढ़ बचाने का संकट भी पैदा होना तय माना जा रहा है।
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