देहरादून। राज्य में ग्लेशियरों से होने वाली संभावित आपदा(Disaster) की संभावनाओं पर गोमुख(Gomukh) क्षेत्र के अंतर्गत गंगोत्री हिमनद (Glacier) की निगरानी के लिए वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान को बजट आवंटित करने पर सहमति दी गई है।
निदेशक वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान से शीतकालीन मौसम के दौरान गंगोत्री(Gangotri) ग्लेशियर क्षेत्र में किसी भूस्खलन(Landslide) या कृत्रिम झील आदि के निर्माण के निरीक्षण के लिए एक टीम भेजने का अनुरोध राज्य सरकार की ओर से किया गया था। इसके लिए वाडिया संस्थान(Wadia institute) ने राज्य सरकार से 12 लाख रूपए की मांग की थी। साथ ही यह भी जानकारी दी थी कि माननीय उच्च न्यायालय(High Court) के हालिया आदेश के अनुसार शीतकालीन मौसम के दौरान इस क्षेत्र का निरीक्षण करना भी महत्वपूर्ण है।
मोरी में पुल के लिए आपदा प्रबंधन और पुनर्वास विभाग को भी धनराशि मंजूर
उत्तरकाशी के ब्लॉक मोरी के बड़गाड़-घन्डूगाडखड्ड पर लॉग ब्रिज का पुनर्निर्माण करने के लिए आपदा प्रबंधन व पुनर्वास विभाग के प्रस्ताव पर 4 लाख रुपए की राशि मंजूर की गई है. हालांकि यह राशि पिछले वित्तीय वर्ष में जारी की गई थी। पर कोरोना काल और मौसम की विविधता के कारण विभाग यह राशि 19-20 में खर्च नहीं कर सका। इस पर विभाग ने वर्ष 20-21 में इस जारी को दोबारा से जारी करने का निर्णय लिया गया है.
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6 जिलों को आपदा प्रबंधन के तहत मिला बजट
मुख्यमंत्री(CM Trivendra Singh Rawat) ने जिलाधिकारी पिथौरागढ़(Pithoragarh), रुद्रप्रयाग(Rudraprayag), चंपावत(Champawat), उत्तरकाशी(Uttarakashi), चमोली(Chamoli), व देहरादून(Dehradun) के लिए वित्तीय वर्ष 20-21 में जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र के संचालन के लिए बजट आवंटन पर मोहर लगा दी है। इसके तहत आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अंतर्गत पारिश्रमिक मद में 7.83 लाख और परिचालन केंद्र के तहत 11 लाख की धनराशि अवमुक्त करने को मंजूरी दी गई है।
चमोली के तहसील चमोली के गांव रोपा के अति संवेदनशील 3 प्रभावित परिवारों को अन्यत्र विस्थापित करने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने सहमति दी है।