नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत अक्सर अपने बेबाक बयानों के लिए सुर्खियों में रहती हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी जर्नी और सफलता की तुलना बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान से की, और यह बताते हुए कहा कि उनके सफर की कठिनाई और पृष्ठभूमि दोनों ही अलग थीं।
कंगना रनौत हाल ही में नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने अपने गांव भामला का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सफलता का रास्ता कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण रहा, क्योंकि वह एक छोटे और कम ज्ञात गांव से आई हैं। उन्होंने पूछा, “क्या किसी ने भामला के बारे में सुना है?” कंगना ने आगे कहा कि उनकी सफलता की वजह उनके ईमानदार और आत्मविश्वासी रवैये में है।
शाहरुख खान से अपनी तुलना करते हुए कंगना ने कहा, “शाहरुख खान दिल्ली से हैं और उन्होंने एक कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाई की है। जबकि मैं भामला नाम के एक छोटे गांव से आई हूं, जिसके बारे में शायद ही किसी ने सुना होगा। इस वजह से मेरी सफलता का रास्ता कहीं ज्यादा कठिन था।” कंगना ने यह भी कहा कि उनके इस सफर में ईमानदारी और खुद के प्रति सच्चाई ने उन्हें मजबूती दी।
कंगना के इस बयान ने सोशल मीडिया पर तेज़ी से ध्यान आकर्षित किया। लोगों ने उनके व्यक्तिगत संघर्ष और बॉलीवुड में आने के संघर्ष की तुलना को लेकर बहस की। जबकि शाहरुख खान के बारे में यह सब जानते हैं कि वे दिल्ली में पले-बढ़े और उन्होंने एक प्रतिष्ठित स्कूल से पढ़ाई की, वहीं कंगना ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए 19 साल की उम्र में अपने घर से मुंबई का रुख किया।
कंगना ने बॉलीवुड में फिल्म ‘गैंगस्टर’ से डेब्यू किया और इसके बाद ‘राज: द मिस्ट्री कंटीन्यूज’, ‘फैशन’ जैसी फिल्मों में काम किया। उनकी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें न सिर्फ भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई। कंगना ने बताया कि फिल्मों में सफलता पाने के लिए उन्हें न केवल अभिनय में बल्कि अपने जीवन के हर फैसले में भी कठिन संघर्ष करना पड़ा।
कंगना की यह बातें इस बात को रेखांकित करती हैं कि बॉलीवुड में सफलता पाने का रास्ता किसी के लिए आसान नहीं होता, खासकर उन लोगों के लिए जो छोटे और कम प्रसिद्ध गांवों से आते हैं। उनका कहना है कि ईमानदारी, मेहनत और आत्मविश्वास ही ऐसे कठिन रास्तों को पार करने में मदद करता है।
इस कार्यक्रम के बाद सोशल मीडिया पर कंगना के बयान को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएँ आई हैं। कुछ लोग उनकी तुलना को प्रेरणादायक मान रहे हैं, जबकि कुछ ने इसे विवादास्पद बताया। बावजूद इसके, कंगना की यह बातचीत उनके संघर्ष और सफलता की कहानी को नए नजरिए से पेश करती है।