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सीएम धामी ने बॉर्डर माउंटेन चिल्ड्रन साइंस फेस्टिवल का किया शुभारंभ, नवोदय विद्यालय को दी ₹50 लाख की आर्थिक सहायता

रुद्रप्रयाग: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मिसाइल मैन और भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर रुद्रप्रयाग जनपद के गुप्तकाशी में चौथे बॉर्डर माउंटेन चिल्ड्रन साइंस फेस्टिवल (सीमांत पर्वतीय बाल विज्ञान महोत्सव) का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी विशेषज्ञता और नवाचार को भी प्राथमिकता दे रही है। उत्तराखंड नई शिक्षा नीति को लागू करने वाला देश का पहला राज्य है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि डॉ. कलाम ने हमेशा युवाओं को बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने की दिशा में प्रयास करने के लिए प्रेरित किया। बाल विज्ञान महोत्सव बच्चों की जिज्ञासा और प्रतिभा को मंच प्रदान करने के साथ ही सीमांत क्षेत्रों में वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने का प्रयास है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न जिलों से आए बाल वैज्ञानिकों से सीधा संवाद किया और जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण, आपदा प्रबंधन, ऊर्जा संरक्षण तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे विषयों पर उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भव्य आयोजन सीमांत जनपदों के बाल वैज्ञानिकों के लिए नई दिशा और अवसर लेकर आया है। इस दौरान उन्होंने यूकॉस्ट (UCOST) के रुद्रप्रयाग डैशबोर्ड पुस्तक का विमोचन भी किया। यह जीआईएस आधारित रिमोट सिस्टम डैशबोर्ड है, जिसके माध्यम से विभिन्न विभागों की योजनाओं की सूचनाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगी।

सीएम धामी ने बताया कि राज्य में पहली बार ‘विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति’ लागू की गई है। इसके साथ ही प्रौद्योगिकी, डिजिटल गवर्नेंस, व्यापार और विकास के पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत किया जा रहा है। प्रत्येक जिले में इनोवेशन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे युवाओं को वैज्ञानिक अनुसंधान और उद्यमिता में बढ़ावा मिलेगा। सरकार का लक्ष्य विज्ञान आधारित ज्ञान अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून जल्द ही देश का पांचवां “विज्ञान नगर” बनेगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में सुविधाओं को बढ़ाने के लिए एक क्षेत्रीय समिति का गठन कर कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने जवाहर नवोदय विद्यालय के लिए ₹50 लाख की आर्थिक सहायता की घोषणा की। उन्होंने कहा कि स्कूल को विकास के लिए 50 लाख रुपये आवंटित किए जाएंगे। साथ ही, परिसर में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएंगे और एक आपदा प्रबंधन केंद्र भी स्थापित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को नवाचार और तकनीकी क्षेत्र में अग्रसर करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। बाल वैज्ञानिकों और शिक्षकों की भूमिका इस दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विज्ञान और नवाचार से ही उत्तराखंड को आत्मनिर्भर और विकसित राज्य बनाने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा।

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