देहरादून में राजपुर रोड पर रिलायंस के ज्वैलरी स्टोर में करोड़ों की डकैती के मामले में दून पुलिस ने बिहार से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। पता चला है कि डकैती जेल में बंद सुबोध गैंग कराई।देहरादून में राजपुर रोड पर रिलायंस के ज्वैलरी स्टोर में करोड़ों की डकैती के मामले में दून पुलिस ने बिहार से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।उन पर षड्यंत्र में शामिल होने, बदमाशों को फंडिंग और जरूरी चीजें उपलब्ध कराने का आरोप है। पुलिस ने बिहार स्थित गैंग के हाइड आउट कंट्रोल रूम पर भी छापा मारा। यहां से घटना में शामिल अभियुक्तों के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि पुलिस ने बिहार से दो संदिग्ध अमृत और विशाल कुमार को गिरफ्तार किया है। दोनों से पूछताछ में दून की घटना से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी मिली है।पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने बदमाशों को फंडिंग के साथ ही मोबाइल, हथियार आदि मुहैया कराए। दोनों वारदात के दिन बदमाशों के संपर्क में थे। एसएसपी ने बताया कि पुलिस की अलग-अलग टीमें मध्यप्रदेश और बिहार में ताबड़तोड़ दबिश दे रहीं हैं। बिहार के वैशाली में पुलिस को आरोपियों के ऑपरेशन सीक्रेट हाइड आउट हाउस की जानकारी मिली थी। इसे गैंग की ओर से हाइड आउट कंट्रोल रूम के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। गैंग द्वारा देहरादून में डकैती के लिए आए बदमाशों को यहीं से कंट्रोल किया जा रहा था। किसी भी घटना से पहले बदमाश यहीं एकत्रित होते थे।सुबोध गैंग की करतूत, दून में राजपुर रोड स्थित रिलायंस कंपनी के ज्वैलरी शोरूम में सुबोध गैंग ने डाका डाला था। इसका सरगना सुबोध बिहार की जेल से गैंग चला रहा था। बिहार में दबिश के दौरान पकड़े गए दो संदिग्धों से पूछताछ में पुलिस को अहम जानकारी हाथ लगी। देहरादून के एसएसपी अजय सिंह बताया कि दून में हुई डकैती के तार विभिन्न शहरों में हुई लूट डकैती के आरोपियों से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि कटनी, लातूर, सांगली में इसी तरह वारदात की जांच में पता चला कि देहरादून में शातिराना तरीके से वारदात को अंजाम दिया गया। एक संदिग्ध पवन ने पूछताछ में बताया कि सुबोध गैंग के सक्रिय लोगों ने ही दून में डकैती की। सुबोध जेल के अंदर से गैंग चला रहा था, साथ ही यहीं से आरोपियों के खातों में रकम डाली जाती थी। इन आरोपियों के खातों में ट्रांजेक्शन पाया गया। दून में डकैती से ‘बदमाश हरिद्वार में रुके थे। एसएसपी ने बताया कि जांच में पता चला कि आरोपी कपड़े खरीदने नजीबाबाद गए थे। नजीबाबाद पुलिस को इसके साक्ष्य मिले हैं।पोर्टेबल सिग्नल जैमर का किया इस्तेमाल, एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि लूट डकैती के दौरान पोर्टेबल सिग्नल जैमर का इस्तेमाल करते थे, ताकि मौके पर सेंसर ट्रिगर नहीं हो सके और न ही कोई फोन कॉल कर सके। मध्यप्रदेश के कटनी और पश्चिम बंगाल के सांगली की वारदात में बदमाशों ने ऐसा ही किया था। इसके अलावा आरोपी वर्चुअल फोन का इस्तेमाल करते थे, ताकि उन लोकेशन ट्रेस नहीं की जा सके।