उत्तराखंड। राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी व मुंबई उत्तरांचल समाज के संयुक्त तत्वावधान में ‘उत्तराखंडी लोकभाषा के स्वर संस्कृति के संग’ कार्यक्रम दहिसर पूर्व के स्वामी विवेकानंद हाई स्कूल सभागृह में आयोजित किया गया। महेंद्र सिंह गोसाईं ने जानकारी देते हुए बताया कि आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए एड. आशीष शेलार ने कहा कि भाषा कभी भी विवाद का विषय नहीं बन सकती, वह संवाद का माध्यम है। हिंदी की अनुषंगी भाषाओं पर अकादमी द्वारा आयोजित संगोष्ठियों को आवश्यक बताते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हिंदी की वैश्विक स्तर पर स्वीकार्यता बढ़ी है। अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए सांसद गोपाल शेट्टी ने कहा कि भाषा, साहित्य और संस्कृति विषयक कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में जागरूकता आती है। लोगों को जोड़ने का यह एक अच्छा उपक्रम है। स्थानीय विधायक मनीषा चौधरी ने कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री ने विश्व स्तर पर हिंदी भाषा के प्रति स्वाभिमान बढ़ाया है। हमारा दायित्व है कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से सामाजिक समरसता को प्रगाढ़ करें। फिल्म सिटी के पूर्व उपाध्यक्ष और पूर्व राज्यमंत्री अमरजीत मिश्र ने कहा कि अकादमी महाराष्ट्र की संस्कृति और हिंदी भाषा से जुड़ी संस्कृतियों को समन्वित रूप से प्रस्तुत करने वाले कार्यक्रम आयोजित कर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ को साकार कर रही है। अकादमी के कार्याध्यक्ष शीतला प्रसाद दुबे ने कहा कि अकादमी हिंदी भाषा और साहित्य से संबंधित विविध विषयों के कार्यक्रम करने के प्रति प्रतिबद्ध है। आशा नैथानी ने उत्तराखंडी लोकभाषा के विविध संदर्भों को उद्घाटित करते हुए लोकगीतों की प्रस्तुति से समा बांध दिया। सरस्वती वंदना एवं महाराष्ट्र राज्य गीत से आरंभ हुए कार्यक्रम में उत्तराखंड के नृत्य -गीत-संगीत की प्रस्तुति का उपस्थित समुदाय ने भरपूर आनंद लिया। आनंद सिंह ने संचालन एवं महेंद्र सिंह गोसाईं ने सबका धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के निवेदक गोपाल सिंह नयाल और राजेंद्र शर्मा थे