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शिक्षा से वंचित दिव्यांग बच्चों की होगी गणना, प्रबंधकीय पदों पर कितनी महिलाएं, होगा सर्वे

मुख्य सचिव ने स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षकों की व्यवस्था के निर्देश दिए। इसके अलावा मुख्य सचिव ने श्रम विभाग को निर्देश दिए कि वह निजी क्षेत्र में प्रबंधकीय पदों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लक्ष्य के संबंध में सर्वेक्षण और डेटा एकत्रित करें।

सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) सूचकांक की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रदेश में शिक्षा से वंचित दिव्यांग बच्चों की गणना करने के अफसरों को निर्देश दिए। कहा, स्कूलों में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की व्यवस्था की जाए।

राज्य सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक में उन्होंने टोल फ्री नंबर 104 से ट्रैकिंग प्रणाली को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया। कहा, हरिद्वार एवं ऊध सिंह नगर में मातृ मृत्यु दर को कम करने पर विशेष प्रयास होने चाहिए। इन दोनों जिलों की रैंकिंग में सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही है उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को प्रदेशभर में गर्भवती महिलाओं की ट्रैकिंग, एएनसी, एनीमिया की स्थिति पर गैर सरकारी स्वास्थ्य संगठनों के साथ कार्य करने के लिए जल्द एक एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए

निजी क्षेत्र में प्रबंधकीय पदों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लक्ष्य के संबंध में सर्वेक्षण और डेटा एकत्रित करें। विभाग को इसके लिए नोडल बनाया गया। महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा के मामलों पर उन्होंने पुलिस विभाग को महिला हेल्प डेस्क पर आने वाली प्रताड़ित महिलाओं को सेफ हाउस में रखने और उनके अभिभावकों की काउंसलिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने राज्य में आत्महत्या के मामलों के संबंध में पुलिस विभाग को आयु के अनुसार आत्महत्या के आंकड़ों की जानकारी एकत्रित करने के निर्देश दिए। ऐसे मामलों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था की जा सकेगी। उन्होंने एससी व्यक्ति के खिलाफ हिंसा की घटनाओं की प्रभावी जांच एवं ससमय क्षतिपूर्ति वितरण के निर्देश दिए।

 

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