विवेक वर्मा/उदय प्रभात
देहरादून| सोमवार उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री(Cabinet Minister) व शासकीय प्रवक्ता को खुले मंच पर चुनौती देने के लिए पहुंचे दिल्ली के डिप्टी सीएम(Deputy CM) और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने(Manish Sisodia) पहली गुगली पर बीजेपी(BJP) को व सरकार के सूरमाओं को क्लीन बोल्ड कर दिया प्रतीत होता है. अपने दूसरे उत्तराखंड दौरे पर आए सिसोदिया ने प्रदेश में आने से पूर्व भाजपा सरकार के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक को राज्य सरकार की बीते चार सालों की मात्र पांच उपलब्धियां बताने के लिए खुले मंच पर बहस के लिए चुनौती दी थी. जिसका मुकाबला करने के लिए मनीष सिसोदिया कल आईआरडीटी(IRDT), सर्वे चौक स्थित सभागार पर उपस्थित रहे. कार्यक्रम को संबोधित करने के उपरांत 50 मिनट तक मनीष सिसोदिया ने मंत्री मदन कौशिक की प्रतीक्षा की. इन पचास मिनटों में उन्होंने मंच पर वीडियो के माध्यम से दिल्ली सरकार के केजरीवाल मॉडल की उपलब्धियां मीडिया एवं सभागार में उपस्थित श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत की.
‘केजरीवाल मॉडल vs भाजपा मॉडल’ : मनीष सिसोदिया को रहा इंतजार,IRDT ऑडिटोरियम नहीं पहुंचे मदन कौशिक
गौरतलब है कि मनीष सिसोदिया के द्वारा दी गई खुले मंच पर चुनौती के बावजूद उत्तराखंड सरकार व उनके किसी भी प्रतिनिधि का न पहुंचना राज्य सरकार(जीरो टॉलरेंस) पर यक्ष प्रश्न खड़ा करता है. यह कार्यक्रम संपन्न होने के बाद बीजेपी सरकार की काफी किरकिरी हुई है. वहीं दूसरी ओर सरकार की किरकिरी होते देख भाजपाई बयानवीरों ने सोशल मीडिया पर तुरंत मोर्चा संभाल लिया. सरकार में बड़े पद, बड़े कद की लालसा रखने वाले नेताओं ने कल के घटनाक्रम पर तंज कसते हुए कहा कि मनीष सिसोदिया अभी इस लायक नहीं हैं जो उनकी बातों का जवाब दिया जाए. परंतु माननीय नेता जी यह भूल गए जिस मनीष सिसोदिया को वह अपने मंत्री से बहस के लायक नहीं मान रहे वो उस सरकार के मुख्यमंत्री है जो दिल्ली में तीसरी बार विस्फोटक तरीके से जीत दर्ज कराकर सत्ता में काबिज है. इसीसे माननीय भाजपाई नेता जी को अपने व अपनी सरकार के एवं मनीष सिसोदिया के कद का अंदाजा लगाना चाहिए.
बीते 24 घंटे में सोशल मीडिया(Social Media) पर युद्धस्तर पर उतर चुके भाजपाई सिपहसालारों ने केजरीवाल मॉडल(दिल्ली सरकार) पर तमाम प्रश्नचिन्ह अंकित कर दिए. यदि वास्तव में उत्तराखंड सरकार ने बीते चार वर्षों में विकास कार्य किए हैं तो सरकार को या उनके किसी प्रतिनिधि को बीते रोज आईआरडीटी सभागार में पहुंचकर मनीष सिसोदिया द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार कर सरकार की उपलब्धि जनता को समक्ष रखनी चाहिए थी. बीते घटनाक्रम से एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड की धरती पर चुनावी शंखनाद कर दिया है.
जय हिंद, जय उत्तराखंड