देहरादून: उत्तराखण्ड पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ के दिशा निर्देशन में साईबर अपराधियों के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में साईबर ठगी का शिकार हुई एक महिला को न्याय दिलाते हुए एसटीएफ उत्तराखण्ड ने बड़ी सफलता हासिल की है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह ने बताया कि अप्रैल 2025 में एक महिला द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार, अगस्त 2024 में उन्हें इंश्योरेंस पॉलिसी से लाभ दिलाने के नाम पर ठगों ने कॉल किया। खुद को आरबीआई प्रतिनिधि बताकर, महिला को विश्वास में लिया गया और लगभग ₹39 लाख की राशि अलग-अलग खातों में जमा कराई गई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा और निरीक्षक विजय भारती के नेतृत्व में जांच शुरू की गई। साक्ष्य जुटाने के लिए संबंधित बैंकों, मोबाइल कंपनियों और मेटा से तकनीकी डेटा प्राप्त किया गया। जांच के दौरान घटना में शामिल अंकित शर्मा और दलीप नामक दो आरोपियों की पहचान की गई, जो फरीदाबाद (हरियाणा) निवासी हैं।
साईबर टीम द्वारा तकनीकी संसाधनों की मदद से दोनों आरोपियों को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया। तलाशी में उनके पास से 2 मोबाइल और 2 सिम कार्ड बरामद हुए।
आरोपी खुद को इंश्योरेंस कंपनी का प्रतिनिधि बताकर पीड़ित को अधिक लाभ देने का झांसा देते थे। व्हाट्सएप पर फर्जी निवेश लाभ के स्क्रीनशॉट, फॉर्म्स और रसीदें भेजकर विश्वास दिलाया जाता था। इसके बाद अलग-अलग बैंक खातों में धन जमा कराया जाता और फिर वह रकम अन्य खातों में ट्रांसफर कर दी जाती थी।
प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि आरोपियों के खातों में कुछ ही महीनों में लाखों रुपये का लेनदेन हुआ है। मामले में अन्य राज्यों की पुलिस से भी संपर्क कर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।