देहरादून: सरकारी जमीन पर लगे कंटीले तारों को काटने और निर्माणाधीन दीवार को गिराने की सूचना मिलने पर अपर वित्त सचिव मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान मौके पर मौजूद इंस्पेक्टर उनपर भड़क गए, दोनों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। इस घटना का विडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
दरअसल, तकनीकी विश्वविद्यालय झाझरा/सेलाकुई के निकट उत्तराखंड सरकार का राज्य स्तरीय अनुसंधान और वित्त प्रशिक्षण केंद्र स्थित है। इस सरकारी संस्थान के पास ही कुछ लोगों की कई बीघा जमीन है। लेकिन इन मालिकों के पास अपनी जमीन तक पहुँचने के लिए अपना कोई सीधा रास्ता नहीं है। निजी भूमि मालिक सरकारी संस्थाओं से जुड़े रास्तों का उपयोग करने की अनुमति प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। ताकि उनकी निजी संपत्तियों तक पहुँच प्राप्त होगी और भूमि के मूल्यों में वृद्धि होगी। लेकिन सरकारी संस्था ने अपने रास्तों को बाड़ और दीवारों प्रतिबंधित कर दिया है। जिससे निजी भूमि मालिकों को उनकी संपति तक के लिए पर्याप्त मार्ग उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
पिछले दिनों संस्था की तार फेंसिंग तोड़ दी गई थी और दीवार भी गिरा दी गई थी। घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई गई, लेकिन पुलिस द्वारा इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। उसके बाद बीते 16 अप्रैल को अपर सचिव अरुणेंद्र चौहान मौके पर पहुंचे। इसी बीच झाझरा थाने से दारोगा हर्ष अरोड़ा भी मौके पर पहुंचे। इस दौरान अपर सचिव और दारोगा के बीच काफी बहस हुई। अरुणेंद्र चौहान ने इस बहस के दौरान यह भी उल्लेख किया कि तार बाड़ कटने के बाद झाझरा पुलिस चौकी में दी गई तहरीर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अपर सचिव अरुणेंद्र चौहान और दरोगाके बीच आक्रामक व्यवहार वाला ये वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। दरोगा और अपर सचिव के बीच विवाद कथित तौर पर बीते 16 अप्रैल को हुआ था। हंगामे के बाद अपर सचिव ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और वित्त सचिव दिलीप जावलकर को पूरे मामले की जानकारी दी। सरकारी जमीन पर निर्माण में बाधा डालने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में शासन को रिपोर्ट सौंपी गई। जानकारी मिली है कि वायरल वीडियो प्रशासन की निगरानी में आते ही मामले में शामिल लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दरोगा को दूसरी जगह तैनात कर दिया गया है।