हरिद्वार: पुलिस प्रशासन ने हरिद्वार में अवैध मदरसों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए 12 मदरसों को सील कर दिया है। इस दौरान कुछ स्थानीय लोगों ने प्रशासन के खिलाफ विरोध भी किया, लेकिन पुलिस की कार्रवाई स्थायी रही।
जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह के अनुसार, अब तक हरिद्वार जिले में कुल 79 मदरसों को सील किया जा चुका है। उपजिलाधिकारी जितेन्द्र कुमार के नेतृत्व में तहसील प्रशासन और पुलिस ने मिलकर आठ अवैध मदरसों को सील किया। इसके अलावा, SDM और तहसीलदार की टीम ने चार अन्य मदरसों में भी कार्रवाई की। इन मदरसों को बिना पंजीकरण, बिना मान्यता और भूमि उपयोग की अनुमति के संचालित किया जा रहा था। इसके साथ ही, कई मदरसों में आवश्यक व्यवस्थाओं और बच्चों की सुरक्षा मानकों का गंभीर उल्लंघन पाया गया।
रुड़की में शासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बिना पंजीकरण के सभी मदरसों को सील किया जाएगा। बुधवार को उपजिलाधिकारी लक्ष्मीराज चौहान और तहसीलदार विकास अवस्थी के नेतृत्व में पाडली गेंदा गांव में एक मदरसे को सील किया गया। इस दौरान मदरसे के संचालकों ने विरोध किया, लेकिन प्रशासन ने उनकी बात को अनसुना कर दिया।
उपजिलाधिकारी जितेन्द्र कुमार ने कहा कि बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया है कि वे अपने बच्चों को केवल मान्यता प्राप्त और नियमों के अनुसार चलने वाले संस्थानों में ही पढ़ाई के लिए भेजें। प्रशासन द्वारा अवैध संस्थानों के खिलाफ जांच अभियान लगातार जारी रहेगा।