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लेखिका अरुंधति राय अपनी गलत बयानी के चलते अब मुश्किल में फंस गई

लेखिका अरुंधति राय अपनी गलत बयानी के चलते अब मुश्किल में फंस गई हैं। दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने राय के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। अरुंधति के अलावा पूर्व प्रोफेसर डा. शेख शौकत हुसैन के खिलाफ भी मुकदमा चलाने की मंजूरी दी गई है।

लेखिका अरुंधति राय  के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने बीते दिन मंजूरी दे दी। अरुंधति के खिलाफ ये मामला काफी पुराना है, जिसमें अब उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। लेखिका अरुंधति के अलावा कश्मीर के केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय कानून के पूर्व प्रोफेसर डा. शेख शौकत हुसैन के खिलाफ भी मुकदमा चलाने की मंजूरी दी गई है। आखिर कब और किस मामले में ये मुकदमा दर्ज किया गया। अरुंधति ने 21 अक्टूबर 2010 को दिल्ली के एक सम्मेलन ‘आजादी- द ओनली वे’ में कथित तौर पर भड़काऊ बयान दिया था। इस भाषण को भारत विरोधी बताया गया था।
आरोपों के अनुसार, सम्मेलन में कश्मीर को भारत से अलग करने तक की बात कही गई।
आरोप है कि लेखिका ने इस बात का जोर-शोर से प्रचार किया कि कश्मीर न कभी भारत का हिस्सा था और सशस्त्र बलों ने जबरन उसपर कब्जा किया है।
आतंकियों, अपराधियों के खिलाफ उपयोग होने वाले इस कानून का दायरा काफी बड़ा है और इसमें वैचारिक विरोध और आंदोलन या दंगा भड़काने की स्थिति में भी एक्शन हो सकता है। दिल्ली दंगे से लेकर जेएनयू भड़काऊ बयान मामले में भी यूएपीए के तहत उमर खालिद की गिरफ्तारी हुई थी।
आरोप है कि भाषण के दौरान राय ने भारत से जम्मू-कश्मीर को आजाद करने के लिए हर संभव प्रयास करने की बात पर जोर दिया। शिकायतकर्ता ने इन बातों को रिकार्डिंग कर ली। शिकायतकर्ता ने नई दिल्ली के मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने जाकर शिकायत दर्ज की थी।

कोर्ट ने 27 नवंबर 2010 को इसके बाद मामले में एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया। इसके बाद 2023 में एलजी ने सीआरपीसी की धारा 196 के तहत मुकदमा करने की मंजूरी दी। अब एलजी ने बीते दिन राय के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।

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