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गिनीज बुक में दर्ज होगा राममंदिर का निधि संग्रह अभियान

वाराणसी। रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के लिए निधि संग्रह अभियान को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने की तैयारी है. अखिल भारतीय संत समिति का कहना है कि 43 दिनों में विहिप और साधु संत देश भर में 11 करोड़ हिंदू परिवार से धनसंग्रह के लिए संपर्क करेंगे.
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर सरकारी पैसे के बजाय दान के पैसे से बनेगा. इसके लिए अखिल भारतीय संत समिति और विश्व हिन्दू परिषद मकर संक्रांति से माघी पूर्णिमा तक देशव्यापी निधि संग्रह अभियान चलाएगा. आयोजन धर्म की दृष्टि से अब तक का सबसे बड़ा होगा.
संत समिति का प्रयास है कि इस अभियान को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डमें दर्ज कराया जाए। संतों और विश्व हिंदू परिषद के चार लाख से अधिक लोग इस अभियान में शहर और गांव के हर घर तक जाएंगे. 43 दिनों में 11 करोड़ परिवारों के 60 करोड़ हिंदुओं को इस अभियान से जोड़ा जाएगा.
धन संग्रह आयोजन के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इसके लिए पूरी तैयारी कर रखी है। 10, 100 के साथ ही 1000 रुपये के बारकोड वाले कूपन छपवाए गए हैं। इसके साथ ही बड़ी धनराशि के लिए रसीद का इंतजाम किया गया है।
अखिल भारतीय संत सम्मेलन में भव्य राममंदिर निर्माण का संकल्प दोहराया गया।.संतों ने विश्वभर के हिंदुओं से आग्रह किया कि वह रामलला के मंदिर निर्माण के लिए दिल खोलकर दान दें। इसके साथ ही धर्मांतरण कराने वालों से भी अपील की गई कि वह अपने सनातन धर्म में वापस लौट आएं.
शनिवार को दुर्गाकुंड स्थित हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय में दो दिवसीय अखिल भारतीय संत सम्मेलन की शुरुआत हुई.बैठक की शुरुआत काशी विद्वत परिषद के मंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी द्वारा चारों वेदों के स्वस्ति वाचन से हुई। दीप प्रज्वलन स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, राष्ट्रीय अध्यक्ष अविचल दास महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि, महंत फूलडोल बिहारीदास ने किया.
दो सत्रों में संतों की बैठक के दौरान धर्मार्थ कार्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने कहा कि धर्मार्थ कार्य विभाग का निदेशालय काशी में बनने से धर्म व पर्यटन से जुड़े विकास कार्यों को बल प्राप्त होगा. संतों ने समाज में यह भाव जगाया कि  हमारे राजा रामचंद्र हैं.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि अयोध्या में रामजन्मभूमि पूजन के पश्चात प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए जो अभियान चलाया गया है वह संतों के आशीर्वाद की ही देन है. पूरे विश्व में संदेश जाना चाहिए कि यह राष्ट्र के सम्मान और अस्मिता का मंदिर बन रहा है. महानिर्वाणी अखाड़े के रविंद्रपुरी ने काशी को वंदन करते हुए कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए और आने वाले समय में उत्पन्न चुनौतियों का समाधान प्रशस्त करने के लिए संत समाज को संगठित होना आवश्यक है.
अध्यक्षता करते हुए अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविचल दास महाराज ने कहा कि पूरे भारत में वर्तमान सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों के विकास की जो नीतियां प्रभावी रूप से क्रियान्वित की जा रही हैं, मैं इसके लिए साधुवाद देता हूं. साथ ही अपेक्षा भी करता हूं कि काशी में आयोजित यह बैठक एक शृंखला के रूप में संपूर्ण भारत के क्षेत्र में आयोजित हो.
अखिल भारतीय संत समाज ने धर्मांतरण, लव जेहाद और मजहबी आतंकवाद पर सख्त कार्रवाई के साथ ही समग्र कानून बनाने की मांग सरकार से क. संत सभा ने कहा कि एक तरफ मजहबी आतंकवाद से प्रेरित लव जेहाद तो दूसरी तरफ ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित धर्मांतरण एवं शहरी नक्सलियों का राष्ट्रविरोधी अभियान तेज हुआ है। महाराष्ट्र के पालघर में हुई हत्या के पीछे सक्रिय चर्च के राजनीतिक गठजोड़ का वीभत्स स्वरूप सामने आया. पालघर घटना की निष्पक्ष सीबीआई जांच की संत समाज मांग करता है.
संत समाज ने जातीय भेदभाव को मिटाकर समरस समाज बनाने के कार्य में तीव्रता लाने का आह्वान किया. कहा कि हिंदू समाज की बहन-बेटियों में कोई अंतर नहीं है. चाहे बल्लभगढ़ की हो या हाथरस की. नारी सम्मान हिन्दू समाज की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है. इतिहास के दो बड़े युद्ध रामायण और महाभारत नारी सम्मान हेतु लड़े गए थे.
पश्चिम बंगाल एवं केरल में निरंतर हिंदुओं की हत्या और प्रताड़ित करने के कार्य हो रहे हैं. हमारी परंपरा रीति-रिवाज, मठ-मंदिर एवं साधु-संतों को बदनाम करना वामपंथी बुद्धिजीवियों के सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा है. हिंदू समाज को इनके विरुद्ध न केवल जागृत रहने अपितु प्रबल विरोध करने की भी आवश्यकता है.

 

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