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नैनीताल दुष्कर्म मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी के घर तोड़ने पर लगाई रोक

सुनवाई के दौरान शुक्रवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट में नैनीताल एसएसपी भी पेश हुए थे. नगर पालिका ने भी कोर्ट ने अपनी गलती मानी.

उत्तराखंड के नैनीताल में नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी मो. उस्मान के घर को तोड़ने पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। नगर पालिका ने आरोपी मो. उस्मान और अन्य लोगों को घर खाली करने का नोटिस दिया था, जिसे हाईकोर्ट ने अस्वीकार कर दिया है।  हाईकोर्ट के निर्णय के बाद, नैनीताल नगर पालिका ने मो. उस्मान और अन्य को अतिक्रमण हटाने के संबंध में दिए गए नोटिस को वापस लेने का फैसला किया और अपनी गलती भी स्वीकार की।

आरोपी मो. उस्मान के वकील डॉ. कार्तिकेय हरि गुप्ता ने नगर पालिका के नोटिस को चुनौती दी थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि नोटिस जारी करने से पहले 15 दिन का समय दिया जाना चाहिए था, लेकिन नगर पालिका ने केवल 3 दिन का समय दिया।

न्यायालय की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की स्पेशल बेंच बनी थी। सुनवाई में एसएसपी नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीणा और नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी भी कोर्ट में पेश हुए।

कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी की गिरफ्तारी के बाद नैनीताल में हुई हिंसक गतिविधियों पर भी नाराजगी जताई और पुलिस को फटकार लगाई। अगली सुनवाई 6 मई को होगी, जिसमें पुलिस और नगर पालिका को कोर्ट के आदेशों के पालन की रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि पूरे मामले में शांति बनाए रखने में पुलिस की भूमिका कमजोर रही। यह मामला तब तूल पकड़ा जब 30 अप्रैल की रात को मो. उस्मान पर 12 वर्षीय नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म का आरोप लगा। इस घटना के बाद लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और नैनीताल बंद रहा।

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