कर्मचारी वर्षों सेवा करने के बाद भी पेंशन का हकदार नहीं, विधायक शपथ लेते ही त्यागपत्र देते ही हो जाते है पेंशन के हकदार.
विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि कल ही सरकार ने कैबिनेट में प्रदेश के सरकारी कार्मिकों हेतु यूपीएस को मंजूरी दी गई है, जोकि सिर्फ और सिर्फ कर्मचारियों की आंखों में धूल झोंकने जैसा है.
नेगी ने कहा कि एक और जहां कर्मचारी वर्षों एवं दशकों तक सेवा करने के उपरांत भी समुचित पेंशन का हकदार नहीं रहता, वहीं दूसरी और विधायक शपथ ग्रहण करते ही मृत्यु होने अथवा तुरंत त्यागपत्र देते ही आजीवन पेंशन व पारिवारिक पेंशन का अधिकार हो जाता है, ऐसे में यह दोहरा मापदंड निश्चित तौर पर दुर्भाग्यपूर्ण है यानी कर्मचारियों के साथ बहुत बड़ा धोखा है. सरकार सिर्फ और सिर्फ विधायकों को धन्ना सेठ बनाने की सोच रही है, लेकिन कर्मचारियों के बारे में नई -नई बेफिजूल योजनाएं/ नए-नए अविष्कार लाकर समय जाया कर रही है. जब सरकार ने प्रदेश को कंगाल बनाने की सोच ही ली है तो इन कर्मचारियों के साथ भेदभाव क्यों. क्यों नहीं विधायकों जैसा मापदंड अपनाया जा रहा.
मोर्चा सरकार की यूनिफाइड पेंशन स्कीम का विरोध करता है तथा मांग करता है कि ओपीएस (ओल्ड पेंशन स्कीम) लागू करे अथवा विधायकों की तर्ज पर ही कार्मिकों की पेंशन योजना लागू करे |