खंड वर्ष पहले बद्रीनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष ने दानदाता द्वारा 230 किलो सोना चढ़ाने की बात कही, जिसके बाद 23 हजार ग्राम कहा जाने लगा
मंत्री महाराज के ताजा बयान से फिर हुआ मामला गर्माया, गोदियाल ने पूछा सवाल, सोना बना दिया, की जांच भी हो रही है या नहीं?
बीकेटीसी के पूर्व अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर अपना एक वीडियो जारी किया है। जिसमें वे पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के दौरे पर गए थे। बकौल, गोदियाल, महाराज का कहना है कि कांग्रेस इस मामले को तूल दे रही है। गोदियाल का कहना है कि जब मंदिर में तीर्थ पुरोहितों ने सोने की हकीकत बताई तो महाराज ने कहा था कि उस प्रकरण की आयुक्त स्तर की जांच होगी। अब महाराज कह रहे हैं कि जांच शासन स्तर पर चल रही है। गोदियाल ने महाराज से प्रश्नोत्तरी पर एक नया एपिसोड पेश किया है और सार्वजनिक डोमेन पर उनके जवाब की उम्मीद है।
प्रश्न एक: मंत्रालय महाराज के अधीन है, शासन में उनके अलावा कौन है जो सोना घोटाले की जांच बाहर नहीं आना चाहता है?
प्रश्न दो: जब बीकेटीसी के अध्यक्ष का बयान आया कि कोई दानदाता नरसंहार में 230 किलो सोना दान करना चाहता है, जिसके बाद 23000 ग्राम भी कहा गया, सुरक्षा शिक्षा के रूप में भी लिखा गया, ये बयान महाराज के स्मारक के रूप में हैं या नहीं?
प्रश्न: तीन चढ़ावे के कुछ ही दिन बाद सोने का पीतल/तांबा में बदलाव का मामला तीर्थ पुरोहितों ने कहा, ये मामला महाराज के स्मरण में है या नहीं?
गोदियाल ने कहा कि महाराज इस नर्तक पर रेजोल्यूशन जांच के प्रमुख कांग्रेस के रूप में इस प्रकरण को उछालने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि पूरी दुनिया के विद्वान हैं कि सोना आया ही नहीं जो आया वो सोने की पालिस लगा दिया और तंबाकू था। गोदियाल ने सलाह दी कि महाराज एक बार व्यापारी खुद देख लें तो उनका भी भ्रम दूर हो जाएगा। इस बारे में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से संपर्क नहीं हो सका।