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उत्तराखंड गौ सेवा आयोग की बैठक में पांच लाख जुर्माने का प्रस्ताव पारित, गौ तस्करी पर 10 साल की जेल

जिला पंचायत व नगर पंचायतों में गौ सदन निर्माण की सुस्तचाल पर अध्यक्ष ने लगाई फटकार
आयोग के निर्देश पर अलग से गोवंश संरक्षण स्क्वाइड का गठन, सीमाओं पर होगी चेकिंग
गौ सदनों की स्थिति, समस्या और निदान के बारे में अपने सुझाव रखे

देहरादून: उत्तराखंड गौ सेवा आयोग कार्यकारिणी की बैठक में गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा देने सहित गोवंश संरक्षण के लिए कई प्रस्तावों को पारित किया गया। बृहस्पतिवार को मोथरोवाला स्थित पशुधन भवन सभागार में आयोजित बैठक में राज्य के सभी जनपदों में गौ सदनों के निर्माण, संचालित गौ सदनों की स्थिति और गौ कल्याण कार्यक्रम की विस्तार से समीक्षा की गई।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए उत्तराखंड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष डा. राजेन्द्र अणध्वाल ने कहा कि शास्त्रों में गाय को माता के रूप में पूजा जाता है। गौवंश के सेवा के लिए राज्य में गौ सदनों से जुड़े कुछ लोग अच्छा काम कर रहे है, लेकिन बड़े दुख की बात है कि आज 60 प्रतिशत गौवंश सड़क पर है और गोवंश के प्रति क्रूरता बड़ी है। गौवंश के प्रति अपराध की रोकथाम के लिए सख्त प्रावधान लाया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गौवंश संरक्षण के लिए प्रावधानों को सख्त बनाते हुए कड़ाई से उसका अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य के अंतर्गत निराश्रित, बेसहारा गोवंश को आश्रय उपलब्ध कराने के लिए शहरी विकास एवं पंचायतीराज विभाग के अंतर्गत संचालित निर्माणाधीन गौ सदन, गौशालाओं का निर्माण शीघ्र पूरा किया जाए। नए गी सदन के लिए भूमि चयन और निविदा प्रक्रिया में तेजी लाए। नगर पंचायत एवं जिला पंचायतों में गौ सदन निर्माण की सुस्त प्रगति पर अध्यक्ष ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। बैठक में आयोग के सदस्यों ने अपने जनपद में गौ सदनों की स्थिति, समस्या और निदान के बारे में अपने सुझाव रखे।

बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव हुए पास

आयोग की बैठक में गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा देने और सम्पूर्ण भारत में गोवंश अपराधों की रोकथाम के लिए समान कानून बनाने का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित करने पर सर्व सहमति व्यक्त की गई। वहीं, उत्तर प्रदेश में गौ हत्या और गौ मांस की तस्करी जैसे अपराधों के लिए 10 वर्ष का कठोर करावास और पांच लाख जुमनि का प्रावधान को उत्तराखंड राज्य में भी लागू करने, गौवंश को शारीरिक कष्ट पहुंचाने पर सजा का प्रावधान करने, गौवंश को सड़क पर छोड़ने वाले के विरुद्ध वर्तमान प्रावधान में दो हजार रुपये का आर्थिक दंड को बढ़ाकर 10 हजार करने, शहरी क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी गौवंश का पंजीकरण, टैगिंग फोटोग्राफी के साथ करने, गौवंश अपराध रोकने के लिए पुलिस विभाग के स्तर पर पृथक से गौवंश संरक्षण स्क्वाइड का गठन करने, दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों की नियमित चैकिंग, गौवंश की तस्करी रोकने के लिए अभियान चलाने, प्रत्येक गौवंश का जन्म और मृत्यु पंजीकरण अनिवार्य करने, नर गौवंश नंदी के संरक्षण के लिए जिला पंचायत और नगर पालिका में नंदीशाला की स्थापना, देशी प्रजाति की गायों के संरक्षण के लिए प्रोत्साहन योजना संचालित करने, भूसे और चारे की कमी को दूर करने के लिए मिलों को होने वाले भूसे की सप्लाई पर रोक लगाने, गौवंश से संबंधित कार्य एवं व्यवस्थाओं के लिए गौ आयोग को पर्याप्त धनराशि आवंटित करने, गौ सदनों के पंजीकरण और मान्यता देने की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने, गौचर भूमि का चिह्नीकरण और अतिक्रमण मुक्त कराने का प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित किया गया।

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