देहरादून: स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में मकानों पर नंबर प्लेट लगाने के कार्य से जुड़ा एक पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। पत्र में यह उल्लेख था कि यह कार्य बिहार के निवासी उपेंद्र कुमार को दिया गया है। पत्र वायरल होने के बाद प्रदेशभर में मामले ने जोर पकड़ लिया, जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने त्वरित संज्ञान लेते हुए संबंधित आदेश को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया।

14 अक्टूबर को टिहरी और उत्तरकाशी के जिला पंचायत राज अधिकारी केसी बहुगुणा द्वारा जारी आदेश में कहा गया था कि 10 अक्टूबर 2025 को ग्रामीण क्षेत्रों में नंबर प्लेट लगाने को लेकर पत्राचार किया गया। उपेंद्र कुमार ने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’, ‘स्वच्छ भारत मिशन’ और ‘घर-घर शौचालय’ जैसे स्लोगन अंकित नंबर प्लेट लगाने का अनुरोध किया था। इसके बाद उत्तरकाशी के जिलाधिकारी ने जिला पंचायत अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया, वहीं टिहरी के अधिकारी ने आदेश निरस्त कर दिया।

दरअसल, उत्तराखंड सरकार ने 10 करोड़ रुपये तक के कार्य स्थानीय लोगों को देने का निर्णय लिया था। इसके बावजूद टिहरी जिले में यह काम बाहरी व्यक्ति को सौंपे जाने पर स्थानीय लोग नाराज़ हो गए और पत्र सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने आदेश रद्द कर जांच के निर्देश दिए हैं।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि 10 करोड़ तक के सरकारी कार्यों में स्थानीय लोगों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि सरकार जनहित, पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ योजनाएं लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार ग्रामीण विकास और स्थानीय लोगों के रोजगार को सर्वोपरि रखकर सभी विकास कार्यों को आगे बढ़ा रही है।
