देहरादून : बाल दिवस के अवसर पर माउंट जायन स्कूल ने शानदार तेरहवें वार्षिक खेल और सांस्कृतिक दिवस का आयोजन किया। कार्यक्रम का माहौल रंग-बिरंगे झंडों और सजावट से परिपूर्ण था। हर्ष और उल्लास के माहौल में मुख्य अतिथि अशोक वर्मा पूर्व अध्यक्ष राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का स्वागत किया गया। इस अवसर पर अतिथियों और अभिभावकों को भी आमंत्रित किया गया था।इस वर्ष की थीम “मुझे शांति का माध्यम बनाएं” पर केंद्रित था। रेवरल एस.पी. लाल द्वारा एक विशेष प्रार्थना विश्व शांति के लिए कामना की गई और बच्चों के उज्जवल भविष्य और रक्षा के लिए प्रभु से अनुरोध किया गया। प्लेग्रुप, नर्सरी और के.जी. के छात्रों ने अपने ट्रैक सूट पहन कर बहुत ही प्रभावशाली ढँग से प्रदर्शन कर ‘माई बेस्टी’ के गीत गाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जो प्रशंसनीय था ।
इसके बाद विद्यार्थियों ने शानदार पी.टी. का प्रदर्शन किया। रंगीन धूमधाम के साथ प्रदर्श, स्फूर्तिदायक एरोबिक्स और ज़ुम्बा अभ्यास लुभावने थे ।उपस्थित सभी लोगों ने इसकी प्रशंसा की। शरीर, मन और आत्मा के लिए व्यायाम का दूसरा रूप योग, छात्रों द्वारा कई तरह से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए आसन के साथ किया गया।
मजेदार और बाधा दौड़ देखने लायक थी । जिसमें मकड़ी दौड़, गुब्बारा फोड़ना, तीन पैरों वाली दौड़, वजन को संतुलित करना, गेंद को स्थानांतरित करना, फल और सब्जी दौड़ शामिल थी। इन दौड़ों में अभिभावकों की ओर सरहन की गई ।कार्यक्रम का सबसे प्रतीक्षित हिस्सा लड़कों और लड़कियों द्वारा प्रस्तुत नृत्य और पिरामिडों का मिश्रण था जो बहुत रोमांचकारी था और पूरी तरह से समन्वयित था ।
जिन अभिभावकों ने भी 30 अक्टूबर को रस्साकशी और मिनी मैराथन में भाग लिया इस अवसर पर उन्हें भी पुरस्कृत किया गया मुख्य अशोक वर्मा ने अतिथि ने विजेताओं को मेडल प्रदान किये जिनके चेहरे गर्व से चमक रहे थे। मैराथन और साइकिल दौड़ के लिए पदक उन छात्रों, माता-पिता और दादा-दादी को भी दिए गए जिन्होंने पूरे मनोयोग से भाग लिया था।
इस अवसर पर मुख्य अथिति अशोक वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि स्कूल के द्वारा छोटे छात्रों को अच्छा प्रशिक्षण देकर आने वाले भविष्य के लिए तैयार किया जा रहा है। उन्होंने स्कूल के प्रिंसिपल और स्टाफ की भी भरपूर प्रशंसा की।
उन्होंने हाल ही में हुए एक रोड एक्सीडेंट का हवाला देते हुए कहा कि जिसमें 6 बच्चे दिवंगत हो गए थे ।माता-पिता को अपने बच्चों का ख्याल रखना होगा कि वह नशे का आदि ना बने और उनके जीवन की रक्षा के लिए दो पहिया या चार पहिया वाहन देने से पहले सोचना चाहिए और अपने बच्चों पर निगाह रखनी चाहिए ।सभी दिवंगत हुए बच्चों के प्रति भी उन्हों
ने गहरी संवेदना व्यक्त की।
इस अवसर पर उन्होंने अपना बचपन याद करते हुए अपने स्कूल की यादें भी ताजा की। प्रिंसिपल, सोनिया पॉल ने समारोह के प्रति मार्गदर्शन के लिए प्रजेश पॉल को धन्यवाद दिया। शिक्षा में खेल ,बच्चों में समर्पण, अनुशासन और जिम्मेदारी जैसे मूल्यों को विकसित करने में मदद करते हैं । सांस्कृतिक गतिविधियाँ विभिन्न प्रकार के कौशल विकसित करती हैं, जिससे वे आत्मविश्वासी, खुले विचारों वाले और कला, संगीत, नृत्य या नाटक के माध्यम से अपनी प्रतिभा को खोजते और निखारते है।अभिभावक अपने बच्चों को समय दें और जैसे-जैसे वे बढ़ रहे हैं, उनके साथ हर पल का आनंद लें। अनुशासन के लिए बच्चों की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्कूल द्वारा स्पोर्ट्स मीट के साथ ही एथलेटिक्स और मनोरंजन का महाकुंभ समाप्त हो गया। इस अवसर पर रेवरन जे पी सिंह , रैवरन एस पी लाल अभिभावक एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे