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उत्तराखंड: खटीमा में सैनिक सम्मान समारोह में पिता को याद कर भावुक हुए सीएम धामी

देहरादून: खटीमा में आयोजित सैनिक सम्मान समारोह के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी अपने पिता सूबेदार शेर सिंह धामी को याद कर भावुक हो गए। कहा कि पिता ने उन्हें बचपन में ही देश सेवा का पाठ पढ़ा दिया था।

सैनिक सम्मान समारोह के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी अपने पिता सूबेदार शेर सिंह धामी को याद कर भावुक हो गए। कहा कि पिता ने उन्हें बचपन में ही देश सेवा का पाठ पढ़ा दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पिता महार रेजीमेंट में थे। उन्होंने वर्ष 1962, 65 व 1971 के युद्धों में भाग लिया। ऑपरेशन ब्लू स्टार और श्रीलंका में गई शांति सेना में भी वह शामिल रहे। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने कालापुल नगला तराई में प्राइमरी स्कूल की स्थापना की, जहां गरीब और वंचित परिवारों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती थी।

सीएम ने बताया कि उनके पिता हमेशा कहते थे कि देश सेवा केवल वर्दी पहनकर ही नहीं होती। प्रत्येक क्षण अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करना भी देश की सेवा ही है। पिता के इन्हीं शब्दों ने उन्हें राजनीति में कदम रखने से पहले ही ये बात सिखा दी कि राजनीति कोई बड़ा पद पाने का माध्यम नहीं है। यह जनभावनाओं को समझकर उनके दुख-दर्द में सहभागी बनने और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए स्वयं को पूरी तरह से समर्पित कर देने का नाम है।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि स्व. सूबेदार शेर सिंह धामी ने देश की सेवा में जो योगदान दिया, वह अमूल्य है। वह न केवल एक साहसी सैनिक थे, बल्कि अनुशासन और परंपराओं के प्रतीक भी थे।

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