उत्तरकाशी: उत्तरकाशी में छात्र- छात्राओं ने एक बार फिर उत्तराखंड शिक्षा विभाग पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि राजकीय महाविद्यालय पुरोला में आठ माह पूर्व छात्रों ने विषयों की उपलब्धता, शिक्षकों की नियुक्ति, महाविद्यालय में एनसीसी की शुरूआत, और एम.एससी. में सभी विषयों को शामिल किए जाने जैसी प्रमुख मांगों को लेकर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया था। उस समय उन्हें प्रशासन की ओर से आश्वासन दिया गया था कि दो माह के भीतर सभी मांगों को पूरा कर लिया जाएगा। परंतु आठ माह बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
सोमवार को छात्रों ने कॉलेज गेट पर तालाबंदी करते हुए अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा कर दी। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने महाविद्यालय के प्राचार्य के माध्यम से निदेशक, उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखंड सरकार को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने एक सप्ताह के भीतर अपनी मांगों को पूरा करने की अंतिम चेतावनी दी है। छात्र नेताओं ने साफ कहा है कि अगर उनकी मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो वे भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर होंगे, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी!12 अप्रैल 2025 को आयोजित महाविद्यालय के वार्षिक उत्सव में उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक आमंत्रित थे, लेकिन छात्रों का कहना है कि उन्हें इस कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं दी गई थी। इसे लेकर भी छात्र समुदाय में गहरी नाराजगी देखी गई।छात्रों की प्रमुख मांगो में महाविद्यालय में सभी रिक्त विषयों के लिए स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की जाय, महाविद्यालय में एनसीसी यूनिट(NCC) की तत्काल शुरूआत की जाय!एम.एससी. में सभी विषयों को जोड़ा जाए।प्रशासनिक फैसलों में पारदर्शिता और छात्रों को सूचना देना अनिवार्य किया जाए आदि मांगे शामिल है।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर उत्तराखंड के उच्च शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्र समुदाय का कहना है कि प्रशासनिक उपेक्षा के चलते उनकी शैक्षणिक प्रगति बाधित हो रही है और बार-बार आश्वासन देकर उन्हें भ्रमित किया जा रहा है।अब निगाहें शासन-प्रशासन पर टिकी हैं कि वे छात्रों की इस चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेते हैं। यदि जल्द ही कोई समाधान नहीं निकलता, तो यह आंदोलन राज्य भर में शिक्षा व्यवस्था की साख को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।