हरिद्वार: देशभर में जहां शिक्षा व्यवस्था पर जोर दिया जाता हैं. वहीं प्रदेशभर में कई स्कूलों के हालात यह है. कि जहा बच्चो और अभिभावकों को स्कूल के गेट के बाहर रखा जाता है, शिक्षा विभाग जहां सरकारी स्कूल मे अधिक से अधिक बच्चो का दाखिला करवाना चाहती है वही सरकारी स्कूल के अध्यापकों की मनमानी रूकने का नाम नहीं ले रही है ऐसे ही मामला हरिद्वार के राजकीय उच्चतम माध्यमिक स्कूल जमालपुर कलां में देखने को मिला। जहां स्कूल में प्रवेश लेने के लिए आए बच्चे को अभिभावकों को बिना प्रवेश कराए खाली हाथ लौटना पड़ा।
सरकारी स्कूलों में एक तरफ जहां अध्यापकों को बच्चों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार की ओर से प्रवेशोत्सव जैसे अभियान चलाकर अधिक से अधिक बच्चों के प्रवेश कराने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि, सरकारी योजनाओं से बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ सकें।
इससे अप्रैल के नए सत्र में प्रवेश अभियान चलाकर सोमवार को प्रवेशोत्सव मनाया गया। सरकारी स्कूलों में बच्चों को प्रवेश दिए गए। अभिभावकों और अभिभावकों को सम्मानित किया गया। उनसे दूसरे लोगों को भी सरकारी स्कूलों में प्रवेश के जागरूक करने का आह्वान किया गया, लेकिन राजकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय में उलटी ही गंगा बहती हुई देखी गई। यहां अभिभावकों को सम्मान तो दूर उन्हें स्कूल में प्रवेश के लिए अंदर तक नहीं आने दिया गया। स्कूल का गेट बंद होने से अभिभावक अपने बच्चाें के साथ बाहर खड़े रहे। स्कूल की छुट्टी होने के बाद अभिभावक अंदर गए तो उन्हें सीट नहीं होने का हवाला देकर लौटा दिया गया। जिससे अभिभावकों को निराश होकर लौटना पड़ा।