देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की नई आबकारी नीति के अंतर्गत उन शराब की दुकानों को परमानेंट बंद करने का निर्णय लिया है, जहां हर साल स्थानीय लोगों का विरोध होता है। आबकारी आयुक्त हरि चंद्र सेमवाल ने इस संबंध में सभी जिला आबकारी अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए जानकारी मांगी है कि उनके जिलों में कितनी शराब की दुकानें ऐसी हैं, जहां स्थानीय समुदाय की ओर से हर साल विरोध प्रदर्शन होते हैं।
आबकारी आयुक्त ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे आबकारी नीति नियमावली-2025 के अंतर्गत नियम 28.1 और 28.4 (ए) का पालन सुनिश्चित करें। इन नियमों के अनुसार, जिन नई शराब की दुकानों का स्थानीय स्तर पर व्यापक विरोध हो रहा है, उनके लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाएगा।
इस कदम का उद्देश्य स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करना और सार्वजनिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। अब सभी जिलों में शराब के लाइसेंस की जांच की जाएगी और जो दुकानें विरोध का सामना कर रही हैं, उन्हें बंद करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।